
नई दिल्ली । जम्मू और कश्मीर(Jammu and Kashmir) के पहलगाम(Pahalgam) में हुए आतंकवादी हमले(Terrorist attacks) की जांच जारी है। इसी बीच पता चला है कि हमले में शामिल एक आतंकवादी के तार पाकिस्तानी सेना से भी जुड़े हो सकते हैं। फिलहाल, भारतीय सेना या सरकार की ओर से इसे लेकर आधिकारिक तौर पर कुछ नहीं कहा गया है। एजेंसियों ने तीन आतंकवादियों की पहचान कर स्केच जारी किए थे।
पहलगाम नरसंहार में शामिल रहे एक पाकिस्तानी आतंकवादी की पहचान हाशिम मूसा के तौर पर हुई है। टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार, आतंकी साजिश की जांच में पता चला है कि मूसा पाकिस्तानी सेना के स्पेशल फोर्सेज का पूर्व पैरा कमांडो है। अखबार को सूत्रों ने बताया कि मूसा अब लश्कर के साथ काम कर रहा है और उसे जम्मू और कश्मीर में गैर स्थानीय और सुरक्षा बलों के बीच दहशत फैलाने के इरादे से भेजा गया था।
एक अधिकारी ने अखबार को बताया, ‘यह संभव है कि SSG यानी स्पेशल सर्विस ग्रुप जैसी पाकिस्तानी स्पेशल फोर्सेज की तरफ से उसे लश्कर को लोन दिया गया हो।’ एसएसजी के पैरा कमांडो कोवर्ट ऑपरेशन में माहिर होते हैं। वो बड़े हथियारों के साथ-साथ हैंड कॉम्बेट भी जानते हैं। इसके अलावा नेविगेशन और सर्वाइवल स्किल्स प्रशिक्षित होते हैं।
रिपोर्ट के अनुसार, एक वरिष्ठ अधइकारी ने बताया है कि 15 कश्मीरी ऑन ग्राउंड वर्कर्स से पूछताछ के दौरान मूसा के सेना से जुड़े होने का पता चला है। ये सभी 15 पहलगाम हमले के मुख्य संदिग्ध थे। खास बात है कि मूसा की सैन्य पृष्ठभूमि को पहलगाम हमले में ISI की भूमिका के सबूत के तौर पर भी देखा जा रहा है।
रिपोर्ट में बताया गया है कि मूसा गगनगीर में अक्तूबर 2024 में हुए आतंकवादी हमले में शामिल भी शामिल रहा था, जिसमें 6 गैर स्थानीय और एक डॉक्टर की मौत हो गई थी। वह बारामूला के बूता पाठरी के हमले में भी शामिल था, जहां दो सैन्य कर्मियों और एक आम नागरिक की मौत हो गई थी।
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