
नई दिल्ली । पाकिस्तान(Pakistan) में हिंदुओं(Hindus) के साथ किस तरह का बर्ताव किया जाता है उससे जुड़ा एक चौंकाने वाला वीडियो(Shocking video) सामने आया है। सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे वीडियो में पाकिस्तानी मीडिया उद्यमी और ‘बायोनिक फिल्म्स’ के मालिक सलमान फारूक को एक हिंदू युवक की बेरहमी से पिटाई करते हुए देखा जा सकता है।
क्या है मामला?
यह घटना कराची के इत्तेहाद इलाके की बताई जा रही है। यहां एक हिंदू युवक सुधीर धुन राज ब्यूटी पार्लर में काम करने वाली अपनी बहन कल्पना के साथ मोटरसाइकिल पर जा रहा था। बताया जा रहा है कि सुधीर की बाइक गलती से सलमान फारूक की गाड़ी से छू गई। इसके बाद जो हुआ वह कैमरे में कैद हो गया।
Disgusting. #SalmanFarooqui, CEO of #BionicFilms, proves how heartless the elite can be. Over a minor incident, he chose violence while the victim's sister PLEADED for mercy. How cruel can you be? This isn’t power, it’s inhumanity.🔥pic.twitter.com/rFcPEDLcU5
— Mansoor Dhillon 🇵🇸 (@MansoorDhillon_) June 2, 2025
वीडियो में क्या दिखा?
वायरल वीडियो में देखा जा सकता है कि सलमान फारूक खुद सुधीर के हाथ पकड़े हुए है और उसकी गाड़ी में बैठे हुए उनके निजी सुरक्षा गार्ड लगातार सुधीर को थप्पड़ मारते हैं। कल्पना को वीडियो में अपने भाई के लिए दया की भीख मांगते हुए, हाथ जोड़कर रोते हुए सुना जा सकता है कि “प्लीज उसे मत मारिए”, लेकिन सलमान फारूक और उनके गार्ड्स पर इसका कोई असर नहीं हुआ। कल्पना का रोना, चिल्लाना और विनती करना भी उन्हें नहीं रोक सका।
FIR दर्ज, सलमान फारूक पुलिस हिरासत में
घटना के एक चश्मदीद, मुहम्मद सलीम की शिकायत के आधार पर गिजरी पुलिस स्टेशन में एफआईआर दर्ज की गई। एफआईआर में सलमान फारूक और उनके सहयोगियों के खिलाफ हत्या की धमकी, शारीरिक हमला, एक महिला का उत्पीड़न, और मौखिक दुर्व्यवहार जैसे गंभीर आरोप शामिल किए गए हैं। पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने पुष्टि की कि फारूक को सोमवार देर रात कराची में गिरफ्तार किया गया। उनके साथ उनके सशस्त्र सहयोगी भी हिरासत में लिए गए। ARY News के अनुसार कराची की एक अदालत ने सलमान फारूक और एक अन्य आरोपी को दो दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया है।
सोशल मीडिया पर गुस्सा
जैसे ही यह वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ, पाकिस्तान के भीतर और बाहर से भारी आलोचना शुरू हो गई। ट्विटर, फेसबुक और इंस्टाग्राम जैसे प्लेटफॉर्म्स पर लोग इस घटना को न सिर्फ ‘रोड रेज’ बता रहे हैं, बल्कि एक धार्मिक अल्पसंख्यक हिंदू युवक के खिलाफ लक्षित हिंसा के रूप में भी देख रहे हैं। कई यूजर्स ने सवाल उठाए कि क्या पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों के लिए कोई इंसाफ है? क्या केवल अमीर और ताकतवर लोग ही कानून से ऊपर हैं?
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