
इस्लामाबाद. जम्मू-कश्मीर के पहलगाम (Pahalgam) में 22 अप्रैल को हुए बर्बर आतंकवादी हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान (Pakistan) पर शिकंजा कसना शुरू कर दिया है. इस हमले में 26 पर्यटकों की मौत हो गई थी. भारत ने सिंधु जल संधि निलंबित करने के बाद पाकिस्तान से होने वाले आयात पर रोक लगा दी है. साथ पाकिस्तानी झंडे वाले जहाजों के भारतीय बंदरगाह पर आने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है. पहलगाम हमले पर भारत की संभावित जवाबी कार्रवाई और दोनों पड़ोसी देशों के बीच युद्ध की संभावना के बारे में अटकलों के बढ़ने के बीच, पाकिस्तानी राजनीतिज्ञ शेर अफजल खान मारवात से पूछा गया कि वह इस मामले में क्या करेंगे.
शेर अफजल खान मारवात एक वरिष्ठ पाकिस्तानी राजनेता हैं जो जेल में बंद पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) से जुड़े थे. हालांकि, अतीत में उन्होंने कई मौकों पर पार्टी और उसके नेताओं की आलोचना की थी, जिसके चलते इमरान खान ने उन्हें पार्टी के प्रमुख पदों से हटा दिया था. इस बीच, भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव बना हुआ है. पाकिस्तानी सेना ने शनिवार रात को जम्मू-कश्मीर के कुपवाड़ा, बारामुल्ला, पुंछ, राजौरी, मेंढर, नौशेरा, सुंदरबनी और अखनूर के आसपास के इलाकों में नियंत्रण रेखा (एलओसी) पर छोटे हथियारों से गोलीबारी की और लगातार 10वीं रात संघर्ष विराम का उल्लंघन किया. भारतीय सेना ने दोगुनी ताकत से इसका जवाब दिया.
भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ उठाए गए नए कदमों में आयात, आने वाले मेल और पार्सल पर प्रतिबंध लगा दिया है और सभी भारतीय बंदरगाहों पर पाकिस्तान से आने वाले जहाजों के डॉकिंग को प्रतिबंधित कर दिया है. इससे पहले भारत ने 1960 के सिंधु जल संधि को निलंबित कर दिया था और पाकिस्तानी नागरिकों को जारी सभी अल्पकालिक वीजा को रद्द करके उन्हें 29 अप्रैल तक अपने देश वापस जाने को कहा था. इसके जवाब में पाकिस्तान ने शिमला समझौता निलंबित करने और भारतीय उड़ानों के लिए अपना हवाई क्षेत्र बंद करने की घोषणा की थी. भारत ने भी पाकिस्तान के लिए अपना एयरस्पेस बंद कर दिया है.
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