
नई दिल्ली। देश में खराब आर्थिक स्थिति और राजनीतिक अस्थिरता के बीच, नकदी की तंगी से जूझ रहे पाकिस्तान के प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) ने चालू वित्त वर्ष (FY23) के पहले चार महीनों के दौरान 52 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की है।
डॉन अखबार ने बताया है कि सोमवार को पाकिस्तान स्टेट बैंक ने नवीनतम डेटा जारी किया, इसके अनुसार जुलाई-अक्तूबर FY23 में FDI गिरकर 348.3 मिलियन अमरीकी डॉलर हो गया, जो पिछले वित्त वर्ष (FY22) की समान अवधि के दौरान 726.5 मिलियन अमरीकी डॉलर था। डॉन की रिपोर्ट के मुताबिक एफडीआई में हर साल गिरावट आ रही है जबकि निवेश की मात्रा भी क्षेत्रीय देशों जैसे भारत, बांग्लादेश और चीन की तुलना में बहुत कम है।
रिपोर्ट के अनुसार 74.8 मिलियन अमरीकी डालर का उच्चतम एफडीआई चीन से वित्तीय वर्ष के पहले चार महीनों के दौरान आया था। पाकिस्तानी दैनिक ने कहा कि चीन पिछले कई सालों से सबसे बड़ा निवेशक रहा है, लेकिन उसके निवेश में गिरावट शुरू हो गई है, जैसा कि दो साल के तुलनात्मक आंकड़ों से पता चलता है। इस बीच, संयुक्त अरब अमीरात से एफडीआई प्रवाह पहले चार महीनों में बढ़कर 67.6 मिलियन अमरीकी डालर हो गया, जो पिछले वर्ष की समान अवधि के दौरान 51.4 मिलियन अमरीकी डालर था।
यह रिपोर्ट ऐसे समय में आई है जब पाकिस्तान के योजना मंत्री अहसान इकबाल ने रविवार को देश के डिफ़ॉल्ट जोखिमों से संबंधित रिपोर्टों को खारिज कर दिया। इकबाल ने उन्हें इमरान खान की पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (PTI) पार्टी का “प्रचार” करार दिया। पाकिस्तान के संघीय मंत्री ने यह टिप्पणी इमरान के पाकिस्तान में आर्थिक स्थिति के बारे में चेतावनी देने के बाद की, जिसमें कहा गया था कि शहबाज शरीफ सरकार इसे नियंत्रित करने में सक्षम नहीं है।
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