येरूशलम। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald trump) लगातार अब्राहम अकॉर्ड की बात कर रहे हैं। इसके जरिए इजरायल (Israel) को इस्लामिक देशों से ही मान्यता दिलाने की कोशिश है। 2020 में संयुक्त अरब अमीरात, सूडान, बहरीन और मोरक्को ने इजरायल के साथ अब्राहम अकॉर्ड पर साइन किए थे। अब चर्चा है कि सीरिया और लेबनान भी इसका हिस्सा बन सकते हैं। यही नहीं इस बीच फिलिस्तीन के भी एक बड़े गुट ने कहा है कि हम इजरायल के साथ अब्राहम अकॉर्ड में जाने के लिए तैयार हैं। यह गुट है, शेख वादी अल जाबारी के नेतृत्व वाला हेब्रोन गुट। जाबारी को अबू सनद के नाम से भी जाना जाता है। जाबारी का कहना है कि हम शांति के साथ रहना चाहते हैं।
शेख जाबारी के अलावा 4 और हेब्रोन शेखों ने प्रस्ताव पर साइन किए हैं। इन लोगों का कहना है कि हम यहूदी मुल्क के तौर पर इजरायल को मान्यता देने के लिए तैयार हैं। उनका कहना है कि हम तो चाहते हैं कि हेब्रोन वेस्ट बैंक से अलग हो जाए और अपना अलग अमीरात बना ले। फिर हम अब्राहम अकॉर्ड में शामिल हो जाएं। इस साल फरवरी से ही इजरायल के वित्त मंत्री निर बरकत और जाबारी की कई मुलाकातें हो चुकी हैं। इन मुलाकातों के दौरान जाबारी के अलावा अन्य शेख भी मौजूद रहे। अब तक मिली जानकारी के अनुसार एक दर्जन से ज्यादा बार ये मीटिंग्स हो चुकी हैं। अब कहा जा रहा है कि जाबारी की मुलाकात पीएम बेंजामिन नेतन्याहू से कराई जाएगी।
अपने 50 हजार लोगों को रोजगार देने की रखी मांग
वॉल स्ट्रीट जर्नल की रिपोर्ट के अनुसार शेख जाबारी ने एक प्रस्ताव यह भी रखा है कि हेब्रोन के 1000 लोगों को शुरुआत में इजरायल बुलाया जाए। इन लोगों को वहां काम दिया जाए और अच्छा लगे तो 5000 अन्य लोगों को बुलाया जाए। धीरे-धीरे इस संख्या को 50 हजार तक किया जाए। उन्होंने कहा कि इजरायल में काम करना हमारे लोगों के लिए कमाई का एक अच्छा स्रोत रहा है। दरअसल 7 अक्तूबर 2023 को हमास ने इजरायल पर हमला बोला था। उसके बाद इजरायल ने बड़ी संख्या में फिलिस्तीनी अरबों को बाहर कर दिया था। तब से ही हेब्रोन जैसे तमाम शहरों की अर्थव्यवस्था टूट गई है।
शेख ने लिखा- हम इजरायल और यहूदी लोगों को मान्यता देते हैं
शेख ने अपने पत्र में लिखा है, ‘हेब्रोन अमीरात इजरायल और उसके यहूदी लोगों को मान्यता देगा। इसके अलावा इजरायल को भी हेब्रोन अमीरात को मान्यता देनी होगी।’ उनका कहना है कि इसके जरिए हम शांति की राह पर आगे बढ़ सकते हैं। बता दें कि अब्राहम अकॉर्ड के मामले में सीरिया, लेबनान ने दिलचस्पी दिखाई है। यदि ऐसा होता है तो फिर इस्लामिक दुनिया में बड़ी हलचल होगी। बता दें कि अब्राहम अकॉर्ड को लेकर काफी चर्चाएं हैं और इस बारे में सऊदी अरब से भी डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन ने बात की है।
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