
नई दिल्ली। कोरोना वायरस (Coronavirus) का डेल्टा वैरिएंट (Delta Variant) इस वक्त पूरी दुनिया के लिए चिंता का सबब बना हुआ है. इस वैरिएंट की वास्तविक संक्रमण क्षमता जानने को लेकर लगातार रिसर्च जारी है. इस बीच चीन की एक स्टडी (Chinese Study) में कहा गया है कि सामान्य वैरिएंट की तुलना में डेल्टा वैरिएंट (Delta Variant) से संक्रमित व्यक्ति की नाक में 1000 गुना ज्यादा वायरस मौजूद होते हैं. स्टडी में कहा गया है कि कोरोना के मूल वुहान वैरिएंट की तुलना में डेल्टा वैरिएंट कहीं ज्यादा संक्रामक और खतरनाक है.
एक शोधकर्ता का कहना है-चूंकि इस वैरिएंट से संक्रमित व्यक्ति ज्यादा वायरस उत्सर्जित करता है, इसीलिए वो ज्यादा लोगों को संक्रमित भी करता है. चीन के गुआंगडोंग प्रोविंशियल सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन डिपार्टमेंट के शोधकर्ता जिंग लू और सहयोगियों ने 62 कोरोना संक्रमितों पर रिसर्च की है. बता दें कि इस वक्त चीन में डेल्टा वैरिएंट का प्रकोप बढ़ रहा है. देश में कई जगह लॉकडाउन लगा दिया गया है और टेस्टिंग-ट्रेसिंग की रफ्तार भी बढ़ा दी गई है.
WHO भी डेल्टा वैरिएंट की संक्रामक क्षमता को लेकर चिंता जाहिर कर चुका है
इससे पहले विश्व स्वास्थ्य संगठन भी डेल्टा वैरिएंट की संक्रामक क्षमता को लेकर चिंता जाहिर कर चुका है. WHO ने कहा था- डेल्टा स्वरूप के साथ जुड़ी बढ़ी हुई प्रसार क्षमता से मामले काफी हद तक बढ़ने और स्वास्थ्य ढांचों पर अत्यधिक दबाव डालने की आशंका है, खासकर टीका कम लगाए जाने के संदर्भ में. डेल्टा स्वरूप की संक्रामक क्षमता अब तक पहचाने गए चिंता वाले अन्य स्वरूपों (वीओसी) की तुलना में कहीं ज्यादा है. बढ़ी हुई संक्रामकता का मतलब है कि यह आने वाले महीनों में दुनिया भर में प्रमुख स्वरूप बनने वाला है.
क्या कहते हैं अमेरिकी वायरोलॉजिस्ट
वहीं अमेरिकी वायरोलॉजिस्ट शेन क्रोट्टी का भी कहना है कि डेल्टा वैरिएंट यूनाइटेड किंगडम में मिले अल्फा वैरिएंट की तुलना में करीब 50 प्रतिशत अधिक संक्रामक हैं. उनका कहना है कि डेल्टा वैरिएंट से संक्रमित रोगी के शरीर में वायरल पार्टिकल्स की संख्या कहीं ज्यादा होती है. इसी वजह से मौजूदा सभी कोरोना वैक्सीन के सामने भी डेल्टा वैरिएंट एक चैलेंज सरीखा है. जिन्होंने वैक्सीनेशन करवा लिया है, उन्हें भी पूरी सावधानी बरतनी होगी.
©2025 Agnibaan , All Rights Reserved