
इंदौर, डा. जितेन्द्र जाखेटिया।
लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी (Leader Rahul Gandhi) के भोपाल (Bhopal) आगमन से पहले मध्य प्रदेश (MP) कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष जीतू पटवारी (Jeetu Patwari) को एक बड़ा झटका लग गया है। कांग्रेस के नव सृजन अभियान के लिए दिल्ली से नियुक्त किए गए पर्यवेक्षकों की बैठक आज भोपाल में राहुल गांधी लेने वाले हैं। इस बैठक में इन पर्यवेक्षकों को सहयोग करने के लिए प्रदेश कांग्रेस की ओर से भी पर्यवेक्षकों की सूची तैयार हो गई थी। कल देर शाम को दिल्ली से एक संदेश भोपाल आया और प्रदेश कांग्रेस द्वारा बनाए गए पर्यवेक्षकों को बैठक में शामिल करने से इनकार कर दिया गया।
अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के इस फैसले में यह निश्चित है कि इन पर्यवेक्षकों के साथ एक-एक राज्य का भी पर्यवेक्षक होगा। बस इस बात को ध्यान में रखते हुए ही प्रदेश कांग्रेस कमेटी द्वारा कल अचानक इन पर्यवेक्षकों का साथ देने के लिए प्रदेश के पर्यवेक्षक भी नियुक्त करने की सूची तैयार कर ली गई। इस सूची में प्रदेश के जिन नेताओं के नाम लिए गए उन नेताओं को भी फोन लगाकर यह बता दिया गया कि राहुल गांधी द्वारा जो पर्यवेक्षकों की बैठक ली जाएगी, उसमें आपको भी शामिल होना है। यह जानकारी प्रदेश कांग्रेस कमेटी द्वारा दिल्ली भी भेज दी गई ।
दिल्ली के दरबार में जैसे ही यह जानकारी पहुंची, वैसे ही वहां नेताओं के कान खड़े हो गए। देखते ही देखते शाम होते-होते दिल्ली से भोपाल तक यह संदेश आ गया कि प्रदेश कांग्रेस के द्वारा नियुक्त किए गए पर्यवेक्षकों को राहुल गांधी की बैठक में शामिल होने की अनुमति नहीं दी जाती है। राहुल गांधी की इस बैठक में केवल एआईसीसी द्वारा नियुक्त किए गए 50 पर्यवेक्षक ही शामिल होंगे। यह जानकारी भोपाल आने के बाद निश्चित तौर पर भोपाल के नेताओं के हाथ-पैर फूल गए। दिल्ली का यह फैसला प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष जीतू पटवारी के लिए एक बड़ा झटका है। यह झटका लगने के बाद प्रदेश कांग्रेस से फिर से मध्य प्रदेश में पर्यवेक्षक बनाए गए प्रदेश के नेताओं के पास फोन लगाए गए। इस बार फोन पर कहा गया कि आपको राहुल गांधी की बैठक में शामिल नहीं होना है। आपको केवल रवींद्र भवन के कार्यक्रम में भाग लेने के लिए भोपाल आना है।
किसी भी हालत में फिक्सिंग नहीं हो पाए
दिल्ली की ओर से यह कोशिश की जा रही है कि कांग्रेस के नव सृजन अभियान के तहत मध्य प्रदेश में संगठन को खड़ा करने के लिए जो काम किया जाए, उसमें किसी भी स्तर पर किसी भी हालत में फिक्सिंग जैसा काम नहीं हो सके। इसके लिए दिल्ली से जो पर्यवेक्षक नियुक्त किए गए हैं, उसमें से किसी भी पर्यवेक्षक को अभी यह नहीं बताया गया है कि उन्हें कौन से जिले अथवा शहर में जाकर काम करना है। प्रदेश में कांग्रेस के नेताओं द्वारा इन पर्यवेक्षकों को प्रभावित नहीं कर लिया जाए, यह भी सुनिश्चित किया जा रहा है। इसके साथ ही प्रदेश कांग्रेस द्वारा नियुक्त किए जाने वाले पर्यवेक्षकों के दायरे को सीमित करने की भी पहल की जा रही है।
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