
भोपाल। प्रदेश में भर्ती परीक्षाएं आयोजित कराने वाली संस्था प्रोफेशनल एग्जामिनेशन बोर्ड (Professional Examination Board) एक बार फिर विवादों में घिर गया है। हाल ही में पीईबी (PEB) द्वारा कृषि विकास अधिकारियों की भर्ती परीक्षा आयोजित की गई। परीक्षा परिणाम में शीर्ष 10 स्थान काबिज करने वाले उम्मीदवारों ने एक ही कॉलेज से बीएससी की, इन्हें परीक्षा में एक जैसे माक्र्स मिले और गलतियां भी एक जैसी की। इतना ही नहीं, सभी आवेदक एक ही क्षेत्र से आते हैं। इस संबंध में कृषि कल्याण संघ ने ग्वालियर पुलिस अधीक्षक से जांच की मांग की है। वहीं पीईबी (PEB) इसे संयोग बता रहा है। हालांकि भर्ती परीक्षा में शामिल होने वाले कई उम्मीदवार घोटाले का आरोप लगा रहे हैं। पीईबी ने पिछले महीने 10-11 फरवरी को यह परीक्षा आयोजित की थी। 17 फरवरी को आंसर शीट के साथ सफल उम्मीदवारों की संभावित लिस्ट भी जारी की गई। जनरल नॉलेज की परीक्षा में सभी 10 छात्रों को एक जैसे अंक मिले। सभी 10 टॉपर्स ने राजकीय कृषि कॉलेज, ग्वालियर से बीएससी की है। कृषि विकास अधिकारी के लिए हुई परीक्षा में इन सभी ने जिन सवालों के गलत उत्तर दिए हैं, वे भी एक जैसे हैं। उन्हें जितने माक्र्स मिले हैं, वह इस परीक्षा के लिए एक रेकॉर्ड है।
8 साल में बीएससी करने वाला टॉपर (Topers)
परीक्षा में शामिल होने वाले अन्य छात्र घोटाले का आरोप इसलिए भी लगा रहे हैं कि टॉपर्स की शैक्षिक पृष्ठभूमि अच्छी नहीं रही है। जानकारी के मुताबिक टॉपर्स में शामिल एक उम्मीदवार को मैथ्स में पूरे माक्र्स मिले हैं, जबकि बीएससी में वह सांख्यिकी में 4 बार फेल हुआ था और 8 साल में उसकी डिग्री पूरी हुई थी।
ब्लैक लिस्टेड कंपनी (Black Listed Company) को परीक्षा की जिम्मेदारी
पीईबी ने इस परीक्षा की जिम्मेदारी एनएसईआईटी को दी थी, जो पहले से आरोपों में रही है। वर्ष 2017 में यूपी में सब इंस्पेक्टर परीक्षा में गड़बडिय़ों के चलते एनएसईआईटी को ब्लैक लिस्ट किया गया था। हालांकि, एनएसईआईटी के अधिकारियों ने परीक्षा में किसी तरह की गड़बड़ी से इनकार किया है।
कृषि मंत्री से मिले अभ्यर्थी
कृषि अधिकारियों की भर्ती में गड़बड़ी का आरोप लगाने वाले छात्र पीईबी ओर परीक्षा कराने वाली कंपनी के तर्कों से सहमत नहीं है। इस संबंध में उन्होंने कृषि मंत्री कमल पटेल से भी मुलाकात की है। पटेल ने भी इसे संयोग मानते हुए छात्रों को जांच का आश्वासन दिया है।
8 साल में बीएससी करने वाला टॉपर (Topers)
परीक्षा में शामिल होने वाले अन्य छात्र घोटाले का आरोप इसलिए भी लगा रहे हैं कि टॉपर्स की शैक्षिक पृष्ठभूमि अच्छी नहीं रही है। जानकारी के मुताबिक टॉपर्स में शामिल एक उम्मीदवार को मैथ्स में पूरे माक्र्स मिले हैं, जबकि बीएससी में वह सांख्यिकी में 4 बार फेल हुआ था और 8 साल में उसकी डिग्री पूरी हुई थी।
©2025 Agnibaan , All Rights Reserved