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पेंशन स्कीम्स के चार्ज में 1 अक्टूबर से होगा बदलाव… ऑनलाइन गेमिंग के नए नियम होंगे लागू

September 19, 2025

नई दिल्ली। नेशनल फंड रेगुलेटरी एंड डेवलपमेंट अथॉरिटी (National Fund Regulatory and Development Authority- PFRDA) ने नेशनल पेंशन सिस्टम (National Pension System- NPS), यूनिफाइड पेंशन स्कीम (Unified Pension Scheme- UPS), अटल पेंशन योजना (APY) और एनपीएस-लाइट जैसी पेंशन योजनाओं के लिए शुल्क में बदलाव किया किया है। यह शुल्क सेंट्रल रिकॉर्डकीपिंग एजेंसियों (CRA) की ओर से वसूला जाता है। नया नियम 1 अक्टूबर 2025 से लागू होगा। वहीं, ऑनलाइन गेमिंग पर नए नियम भी इसी दिन से लागू होंगे।


सरकारी कर्मचारियों के लिए अब नया पीआरएएन (परमानेंट रिटायरमेंट अकाउंट नंबर) खोलने पर ई-पीआरएएन किट के लिए 18 रुपये और फिजिकल पीआरएएन कार्ड के लिए 40 रुपये शुल्क लगेगा। सालाना शुल्क 100 रुपये प्रति खाता होगा। हालांकि जिन खातों में जीरो बैलेंस होगा उनसे कोई शुल्क नहीं लिया जाएगा। लेन-देन पर कोई अतिरिक्त फीस नहीं होगी।

एनपीएस लाइट और अटल पेंशन योजना में कितना आएगा खर्च
अटल पेंशन योजना और एनपीएस-लाइट वाले खातों में शुल्क थोड़ा कम हैं। यहां खाता खोलने और सालाना शुल्क दोनों सिर्फ 15 रुपये हैं। इसके अलावा लेन-देन पर कोई शुल्क नहीं लगेगा। इसका मतलब है कि छोटे निवेशक के लिए यह योजना अब भी सस्ती और बेहतर बनी हुई है।

निजी क्षेत्र के लिए शुल्क
निजी क्षेत्र से भी सरकारी कर्मचारियों की तरह ही, पीआरएएन (परमानेंट रिटायरमेंट अकाउंट नंबर) खोलने पर ई-पीआरएएन किट के लिए 18 रुपये और फिजिकल पीआरएएन कार्ड के लिए 40 रुपये शुल्क लिया जाएगा। लेन-देन शुल्क यहां भी नहीं लगेगा।

इस प्रकार होगा शुल्क
– जीरो बैलेंस वाले खातों पर कोई शुल्क नहीं लगेगा
– 1 रुपये से 2 लाख रुपये तक के कोष पर 100 रुपये लगेंगे
– 2,00,001 से 10 लाख रुपये तक 150 रुपये देना होगा
– 10,00,001 से 25 लाख रुपये तक पर 300 रुपये लगेंगे
-25,00,001 से 50 लाख रुपये तक पर 400 रुपये देना होगा
– 50 लाख रुपये से अधिक पर 500 रुपये शुल्क लगेगा

एक अक्टूबर से प्रभावी होंगे ऑनलाइन गेमिंग के नए नियम
केंद्र सरकार ने ऑनलाइन गेमिंग पर नए नियम लागू करने की घोषणा कर दी है। केंद्रीय सूचना एवं प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने गुरुवार को बताया कि ये नियम एक अक्टूबर से प्रभावी होंगे।

केंद्रीय मंत्री वैष्णव ने कहा कि केंद्र सरकार ने ऑनलाइन गेमिंग कंपनियों और अन्य हितधारकों के साथ कई बार चर्चा की हैं। कानून पारित होने के बाद भी उनसे लगातार संवाद जारी है। इस प्रक्रिया में बैंकों और अन्य संबंधित पक्षों से भी परामर्श लिया गया है। वैष्णव ने स्पष्ट किया कि सरकार का रुख पूरी तरह परामर्श-आधारित है और नियम लागू करने से पहले उद्योग जगत के साथ एक और बैठक की जाएगी।

ऑनलाइन गेमिंग अधिनियम को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने 22 अगस्त 2025 को अपनी मंजूरी दी थी। इस कानून को लाने का सरकार का मकसद सट्टेबाजी प्लेटफॉर्मों से जुड़ी धोखाधड़ी को रोकने और ऑनलाइन सट्टेबाजी को बढ़ावा देने वाले मशहूर हस्तियों पर निगरानी को सख्त करने का है।

सरकार का तर्क है कि युवाओं को ऐसे जोखिम भरे गेमिंग एप्स से बचाना बेहद जरूरी है, जो उन्हें आर्थिक संकट में धकेल देते हैं। केंद्र सरकार का यह भी तर्क है कि ऑनलाइन सट्टेबाजी पर अंकुश लगाकर पैसों की धोखाधड़ी और राष्ट्रीय सुरक्षा से समझौता करने जैसी गतिविधियों को भी रोका जा सकता है।

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