
कैनबेरा। कोरोना वायरस (Corona virus) के आने के बाद किसी को इतना अंदाजा नहीं था कि यह कितना खतरनाक होगा। लेकिन लाखों जानें लेने वाले इस वायरस (Virus) को रोकने का एकमात्र तरीका कोरोना की वैक्सीन(Corona vaccine) है। लेकिन कोविड-19 वैक्सीन (Covid-19 Vaccine) इतने कम समय में बनी कि इस पर पर्याप्त रिसर्च भी नहीं हुई। इस कारण लोगों को इसके साइड इफेक्ट (side effect) भी झेलने पड़े।
अब ऑस्ट्रेलिया के नागरिकों (citizens of australia) ने वैक्सीन से हुए साइड इफेक्ट के लिए मुआवजे की मांग (Demand for compensation for the side effects of the vaccine) की है। लगभग 10000 से ज्यादा लोगों ने दावा किया है कि कोरोना की वैक्सीन से उनको दुर्लभ साइड इफेक्ट हुए और उनको अस्पताल में भर्ती होना पड़ा, इससे उनकी आय पर भी फर्क पड़ा।
एक मीडिया रिपोर्ट की मानें तो अगर सभी दावों को मान लिया जाता है तो इस कार्यक्रम पर करीब 50 मिलियन ऑस्ट्रेलियाई डॉलर खर्च होने का अनुमान है।ऑस्ट्रेलिया के चिकित्सकीय प्रशासन को अपनी वेबसाइट के अनुसार, टीके की 36.8 मिलियन खुराक से प्रतिकूल दुष्प्रभावों की लगभग 79,000 रिपोर्ट मिली हैं। सबसे अधिक बार रिपोर्ट किए गए साइड इफेक्ट्स में हाथ में दर्द, सिरदर्द, बुखार और ठंड लगना शामिल हैं।
सितंबर में स्वास्थ्य विभाग की वेबसाइट पर पंजीकरण खोले गए थे, जिसमें उन लोगों को भी शामिल किया गया, जिन्होंने वैक्सीन लेने बाद अधिक गंभीर परिणाम सहे और जिसके परिणामस्वरूप कम से कम एक रात अस्पताल में रहना पड़ा।
इस बीच 20,000 डॉलर या उससे कम की मांग करने वाले दावेदारों को अपनी चोट और कोरोनावायरस टीकाकरण, चिकित्सा लागत और खोई हुई मजदूरी से इसके संबंध का प्रमाण प्रस्तुत करना होगा।ऑस्ट्रेलियाई सरकार ने अभी तक इस बारे में दिशा-निर्देश जारी नहीं किए हैं कि मुआवजा देने के लिए किस मानक के प्रमाण की आवश्यकता होगी कि व्यक्ति को साइड इफेक्ट वैक्सीन से हुआ है या नहीं।
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