स्पेन। यूरोपीय देश (European countries) स्पेन (Spain) के दक्षिण-पूर्वी मर्सिया क्षेत्र में स्थित जुमिला शहर ने एक विवादास्पद फैसले के तहत मुस्लिम धार्मिक त्योहारों (Muslim religious festivals) को पब्लिक में मनाने पर बैन लगा दिया है। अब इस शहर के मुसलमान ईद-उल-फितर और ईद-उल-अजहा (Eid-ul-Fitr and Eid-ul-Adha) जैसे त्योहारों को सिविक सेंटर और खेल हॉल सहित सार्वजनिक सुविधाओं में नहीं मना पाएंगे। इस निर्णय ने देशभर में तीखी प्रतिक्रियाओं को जन्म दिया है, जिसमें इसे इस्लामोफोबिक और भेदभावपूर्ण करार दिया जा रहा है। यह प्रतिबंध स्पेन में अपनी तरह का पहला कदम है, जिसने धार्मिक स्वतंत्रता और सांस्कृतिक सह-अस्तित्व पर सवाल खड़े कर दिए हैं।
क्या था प्रस्ताव और कैसे हुआ पारित?
द गार्जियन की रिपोर्ट के अनुसार, जुमिला की स्थानीय परिषद में यह प्रस्ताव रूढ़िवादी पीपुल्स पार्टी (पीपी) द्वारा पेश किया गया था और दक्षिणपंथी वॉक्स पार्टी के मतदान में अनुपस्थित रहने के कारण इसे मंजूरी मिल गई, जबकि वामपंथी दलों ने इसका विरोध किया। इस फैसले में कहा गया है कि नगरपालिका के खेल और सार्वजनिक सुविधाओं का उपयोग “हमारी पहचान से अलग धार्मिक, सांस्कृतिक या सामाजिक गतिविधियों के लिए नहीं किया जा सकता, जब तक कि स्थानीय प्राधिकरण द्वारा आयोजित न किया जाए।” इस अस्पष्ट “पहचान” शब्द ने कई सवाल खड़े किए हैं।
जुमिला की आबादी लगभग 27,000 है, जिसमें से करीब 7.5% लोग मुख्य रूप से उत्तर अफ्रीकी देशों से आए मुस्लिम समुदाय के हैं। स्थानीय मुस्लिम समुदाय वर्षों से इन सार्वजनिक स्थानों पर रमजान के दौरान सामूहिक नमाज और ईद के उत्सव मनाता रहा है, जिसमें 1,500 से अधिक लोग हिस्सा लेते थे।
वॉक्स पार्टी का रुख और विवाद
दक्षिणपंथी वॉक्स पार्टी ने इस फैसले का खुलकर स्वागत किया और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर लिखा, “वॉक्स के कारण स्पेन में सार्वजनिक स्थानों पर इस्लामी त्योहारों पर प्रतिबंध लगाने का पहला कदम उठाया गया है। स्पेन ईसाइयों की भूमि है और हमेशा रहेगी।” इस बयान ने विवाद को और हवा दी, क्योंकि इसे स्पष्ट रूप से मुस्लिम समुदाय को टारगेट करने वाला माना गया।
खूब हो रहा विरोध और आलोचना
इस फैसले की व्यापक आलोचना हो रही है। मर्सिया क्षेत्र के समाजवादी नेता फ्रांसिस्को लुकास ने इसे संवैधानिक मूल्यों का उल्लंघन और सामाजिक सह-अस्तित्व के लिए खतरा बताया। उन्होंने X पर लिखा, “पीपी संवैधानिक मूल्यों का उल्लंघन कर रही है और केवल सत्ता में बने रहने के लिए सह-अस्तित्व को खतरे में डाल रही है।” उन्होंने पास के टोरे पाचेको में हाल ही में हुई नस्लवादी हिंसा का हवाला देते हुए कहा कि यह फैसला सामाजिक तनाव को और बढ़ाएगा।
जुमिला की पूर्व समाजवादी मेयर जुआना ग्वार्डियोला ने “पहचान” शब्द की अस्पष्टता पर सवाल उठाया और कहा, “पहचान से उनका क्या मतलब है? और यहां की सदियों पुरानी मुस्लिम विरासत का क्या?” ऐतिहासिक रूप से, जुमिला 8वीं शताब्दी में अरबों के कब्जे में रहा था और 13वीं शताब्दी तक इसका नाम युमिल-ला था।
स्पेनिश फेडरेशन ऑफ इस्लामिक ऑर्गेनाइजेशन्स के अध्यक्ष मुनिर बेंजेल्लून अंदालुसी अजहरी ने इस फैसले को “इस्लामोफोबिक और भेदभावपूर्ण” करार दिया। उन्होंने कहा, “वे किसी अन्य धर्म को निशाना नहीं बना रहे, वे हमारे धर्म को निशाना बना रहे हैं। 30 साल बाद पहली बार मुझे स्पेन में डर लग रहा है।”
संवैधानिक उल्लंघन का सवाल
स्पेन का संविधान, विशेष रूप से अनुच्छेद 16, धार्मिक स्वतंत्रता और पूजा की गारंटी देता है। आलोचकों का तर्क है कि यह प्रतिबंध संविधान के अनुच्छेद 14 का उल्लंघन करता है, जो धर्म के आधार पर भेदभाव को प्रतिबंधित करता है।
यह फैसला टोरे पाचेको में हाल ही में हुई नस्लवादी हिंसा के बाद आया है, जहां एक पेंशनर पर कथित तौर पर तीन मोरक्कन पुरुषों द्वारा हमला किए जाने के बाद विरोध प्रदर्शन हुए थे। इन घटनाओं ने स्पेन में आप्रवास और सांस्कृतिक पहचान को लेकर तनाव को और बढ़ा दिया है। जुमिला में मुस्लिम समुदाय का कहना है कि वे पहले से ही हाशिए पर हैं, और यह प्रतिबंध उन्हें और अलग-थलग करेगा।
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