
इंदौर। पिछले चार महीने से रेरा अध्यक्ष सहित अन्य पद खाली पड़े थे, जिसके चलते इंदौर के ही लगभग 300 नए प्रोजेक्ट रेरा में पंजीयन के लिए अटके पड़े हैं, जबकि कोरोना के बाद अभी जमीनी कारोबार में तेजी देखी गई। नतीजतन कई बिल्डर-कालोनाइजरों ने आवासीय कालोनी, बहुमंजिला इमारतों सहित अन्य प्रोजेक्ट तैयार किए हैं। अब अध्यक्ष की नियुक्ति के बाद उम्मीद है कि जल्द पंजीयन शुरू हो सकेंगे।
एक तरफ शासन रियल एस्टेट कारोबार को बढ़ाने के दावे करता है, दूसरी तरफ नियमों की जटिलताओं से लेकर रेरा के पंजीयन की प्रक्रिया ही महीनों से अटकी पड़ी है। दरअसल शासन ने पूर्व रेरा अध्यक्ष को अचानक हटा दिया था और उसके बाद चार दिन पहले नए अध्यक्ष के रूप में अजीतप्रकाश श्रीवास्तव की नियुक्ति की गई है, जबकि 25 सितम्बर से रेरा अध्यक्ष का पद खाली ही पड़ा था। रियल एस्टेट कारोबारियों की सर्वोच्च संस्था क्रेडाई का भी कहना है कि लगभग 300 प्रोजेक्टों के आवेदन रेरा में मंजूरी के लिए लंबित पड़े हैं, जिसके चलते न तो इन प्रोजेक्टों में निर्माण कार्य शुरू हो पा रहा है, न ही रजिस्ट्री सहित अन्य प्रक्रिया हो पा रही है। दूसरी तरफ निर्माण सामग्री की लागत अलग लगातार बढ़ रही है, जिसके चलते जिन संपत्तियों की बुकिंग की गई है वे भी बिल्डरों-कालोनाइजरों को महंगे पडऩे लगे हैं। कोरोना संक्रमण के बीच रियल एस्टेट कारोबार ने पिछले दिनों तेजी पकड़ी और छोटे भूखंड अच्छे बिके।