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IIT रुड़की के 30,000 से ज्यादा छात्रों की पर्सनल डिटेल लीक

August 11, 2025

रुड़की। भारतीय प्रौद्योगिक संस्थान (आईआईटी) रुड़की (Indian Institute of Technology (IIT) Roorkee) के 30,000 से ज्यादा छात्रों और पूर्व छात्रों की निजी जानकारी (Personal information.) वर्षों से एक पब्लिक वेबसाइट पर लीक (Leaked on public website) होने की बात सामने आई है। इसे डेटा प्राइवेसी में एक बड़ी चूक माना जा रहा है, जिसके बाद संस्थान ने इसकी आंतरिक जांच शुरू कर दी है। टीओआई द्वारा संस्थान को इस बारे में सूचित किए जाने के जांच के आदेश दिए गए।


एक रिपोर्ट के मुताबिक, माना जा रहा है कि यह डेटा आईआईटी के एकेडमिक अफेयर्स डिपार्टमेंट के रिकॉर्ड से इलेक्ट्रॉनिकली चुराया गया था, जो सभी के लिए उपलब्ध है। लीक हुए डेटाबेस में छात्रों और उनके पैरेंट्स के मोबाइल नंबर, जाति, आर्थिक स्थिति, ईमेल पते, और प्रवेश व स्नातक वर्ष की जानकारी शामिल है। साइट पर छात्र का एनरोलमेंट नंबर डालकर, कोई भी उनकी फोटो सहित पर्सनल जानकारी देख सकता है। इससे देश के एक प्रमुख इंजीनियरिंग संस्थान में आंतरिक साइबर सुरक्षा उपायों को लेकर चिंताएं पैदा हो गई हैं।

एक प्रोफेसर ने नाम नहीं छापने की शर्त पर बताया, “वेबसाइट पर मौजूद जानकारी केवल एनरोलमेंट नंबर के जरिये ही प्राप्त की जा सकती है, इसका मतलब है कि डेटा या तो लीक हो गया है या एकेडमिक अफेयर्स सेक्शन से चुराया गया है। यह स्पष्ट रूप से साइबर सुरक्षा और व्यक्तिगत गोपनीयता भंग का मामला है।”

ऐक्शन में आया संस्थान
आईआईटी-रुड़की के डिप्टी डायरेक्टर यूपी सिंह ने कहा, “हमने इस मामले में जरूरी कार्रवाई के लिए मामले को डीन एकेडमिक अफेयर्स और डीन स्टूडेंट वेलफेयर को भेज दिया है।”

अधिकारियों ने प्रभावित छात्रों और पूर्व छात्रों के नाम उजागर नहीं किए। माना जा रहा है कि यह वेबसाइट लगभग 10 सालों से चल रही है। हालांकि इस पर अभी तक मौजूदा वर्ष का डेटा अपलोड नहीं किया गया था, लेकिन पुराने रिकॉर्ड कथित तौर पर अपडेट किए जा रहे थे।

एक छात्र ने कहा, “यह बेहद गंभीर बात है कि वेबसाइट संचालक संस्थान के छात्रों की महत्वपूर्ण पर्सनल जानकारी किसी अज्ञात स्थान से और अज्ञात उद्देश्यों के लिए शेयर कर रहा है। दुर्भाग्य से, संस्थान को अब तक इसकी जानकारी नहीं है।”

2001 में मिला था आईआईटी का दर्जा
गौरतलब है कि आईआईटी-रुड़की का प्रतिष्ठित इंजीनियरों, वैज्ञानिकों और उद्योग जगत के दिग्गजों को तैयार करने का एक समृद्ध इतिहास रहा है। 1847 में थॉमसन कॉलेज ऑफ सिविल इंजीनियरिंग के रूप में स्थापित आईआईटी-रुड़की एशिया का सबसे पुराना तकनीकी संस्थान है। 1949 में यह रुड़की विश्वविद्यालय बना और 2001 में इसे आईआईटी का दर्जा दिया गया।

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