
अहमदाबाद । गुजरात हाईकोर्ट (Gujarat High Court) ने मंगलवार को स्वयंभू संत आसाराम (Asaram) द्वारा अपनी अस्थायी जमानत की अवधि बढ़ाने के लिए दायर की गई याचिका (Bail plea) पर राज्य सरकार (state government) से जवाब मांगा। साल 2013 के एक दुष्कर्म मामले में आसाराम (86) को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी। आसाराम फिलहाल मेडिकल ग्राउंड पर जमानत पर है।
जस्टिस इलेश वोरा और जस्टिस संदीप भट्ट की खंडपीठ ने सरकार को नोटिस जारी कर 27 जून तक जवाब मांगा है। उच्च न्यायालय ने 28 मार्च को आसाराम को तीन महीने की अस्थायी जमानत दी थी, क्योंकि सुप्रीम कोर्ट द्वारा उसे पूर्व में दी गई अंतरिम जमानत 31 मार्च को समाप्त हो रही थी।
हाईकोर्ट की एक खंडपीठ ने एक विभाजित फैसला सुनाया था जिसके बाद एक तीसरे न्यायाधीश, जिनके पास मामला भेजा गया था। फिर अदालत ने आसाराम को तीन महीने की अस्थायी जमानत देने के पक्ष में फैसला सुनाया।
गांधीनगर की एक अदालत ने जनवरी 2023 में दुष्कर्म के मामले में आसाराम को दोषी ठहराया था। वह एक अन्य मामले में भी आजीवन कारावास की सजा काट रहा है, जिसमें उसे 2013 में राजस्थान में अपने आश्रम में एक लड़की से दुष्कर्म करने के आरोप में दोषी ठहराया गया था।
वर्तमान मामले में उसे 2001 से 2006 के बीच सूरत की रहने वाली एक महिला अनुयायी से तब कई बार दुष्कर्म करने का दोषी ठहराया गया था, जब वह अहमदाबाद के पास मोटेरा स्थित उसके आश्रम में रह रही थी।
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