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लॉस एंजिलिस में दहक रही आग पर काबू पाने की कोशिश जारी, हेलीकॉप्टरों से गिराया जा रहा ‘पिंक फ्लेम’

January 14, 2025

कैलिफोर्निया । लॉस एंजिलिस (los angeles) में भड़की आग (Fire) को शांत करने के लिए अमेरिकी सरकार (US Government) पूरी मुस्तैदी से काम कर रही है। आग पर काबू पाने के लिए हेलीकॉप्टरों (Helicopters) से पानी (Water) के साथ हजारों गैलन गर्म ‘पिंक फ्लेम’ (गुलाबी धुआं) गिराया जा रहा है। आइए जानते हैं कि यह लॉस एंजिलिस की आग से अब तक कितनी तबाही हुई और आग पर काबू पाने के लिए उपयोग किया जा रहा पिंक फ्लेम क्या और यह कैसे काम करेगा?

अब तक 26 लोगों की मौत, 12 हजार से ज्यादा इमारतें खाक
पिछले मंगलवार से अमेरिकी पश्चिमी तट पर लॉस एंजिलिस क्षेत्र में लगी आग ने तबाही मचा रखी है। इसमें अब तक 26 लोगों की मौत हो गई है और 12 हजार से अधिक इमारतें खाक हो गईं हैं। तेज सांता एना हवाओं के कारण लगी आग ने लगभग 38 हजार एकड़ इलाके को खाक कर दिया है।

क्या है पिंक फ्लेम?
लॉस एंजिलिस में आग बुझाने के लिए पिंक फ्लेम का उपयोग किया जा रहा है। दक्षिणी कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय में सिविल और पर्यावरण इंजीनियरिंग के प्रोफेसर डैनियल मैककरी ने बताया कि पिंक फ्लेम आम तौर पर पानी, अमोनियम फॉस्फेट और आयरन ऑक्साइड का मिश्रण है। लॉस एंजिलिस की वन सेवा का कहना है कि पिंक फ्लेम से आग को ऑक्सीजन नहीं मिलती है। यह वनस्पति और अन्य सतहों को ठंडा करके जलने की दर को धीमा करते हैं। अग्निरोधी पदार्थ की आपूर्ति करने वाली कंपनी पेरीमीटर का कहना है कि फॉस्फेट पौधों में सेल्यूलोज को कम कर देता है और उन्हें गैर-ज्वलनशील बनाता है। इसका रंग इसलिए गुलाबी है ताकि दमकल कर्मियों को यह पता चल सके कि इसका कहां-कहां उपयोग हो चुका है।


लॉस एंजिलिस में क्यों हो रहा इसका उपयोग
अमेरिकी अग्निशमन एजेंसी कैल फायर का कहना है आग तेजी से घाटियों और अन्य ऊबड़-खाबड़ क्षेत्रों में फैल रही है। तमाम इलाके ऐसे हैं जहां अग्निशमन कर्मियों का पहुंचना मुश्किल है। इसलिए हेलीकॉप्टर के जरिये पानी के साथ पिंक फ्लेम गिराया जा रहा है। हेलीकॉप्टर से गिराए जा रहे पिंक फ्लेम की अपनी सीमा है। तेज हवाएं इसको नुकसान पहुंचा सकती है। बताया जा रहा है कि कैल फायर के अलावा अमेरिकी वन सेवा, लॉस एंजिलिस और वेंचुरा काउंटी अग्निशमन विभाग, शहर और नेशनल गार्ड पिंक फ्लेम गिराने में मदद कर रहे हैं।

पर्यावरण पर क्या पड़ता है प्रभाव
पिंक फ्लेम के वन्यजीवों पर प्रभाव को लेकर लोग चिंतित हैं। यूएससी के मैककरी ने कहा कि उन्होंने और अन्य शोधकर्ताओं ने कई आग बुझाने वाले पदार्थों का परीक्षण किया और पाया कि इसमें क्रोमियम और कैडमियम सहित भारी धातुएं हैं। जो कैंसर और किडनी की बीमारी पैदा कर सकती हैं। आग बुझने के बाद ये रसायन जलमार्गों में क्रोमियम और अन्य भारी धातुओं की मात्रा में वृद्धि में योगदान कर सकते हैं।

स्वास्थ्य के लिए भी खतरनाक
पिंक फ्लेम का उपयोग जंगल में लगने वाली आग को बुझाने के लिए जरूरी है। मगर इससे लाखों लोगों के स्वास्थ्य को खतरा हो सकता है। इसमें मौजूद सूक्ष्म कण फेफड़ों और रक्त प्रवाह में प्रवेश करके श्वास और हृदय संबंधी समस्याएं पैदा कर सकता है। अध्ययनों से पता चला है कि अमेरिका में आग बुझाने में इसका कई बार इस्तेमाल हुआ है। इससे वायु प्रदूषण बढ़ा है। यह दिमाग के लिए भी खतरनाक है। पेरीमीटर कंपनी के अधिकारी एडवर्ड गोल्डबर्ग ने कहा कि पिंक फ्लेम का उपयोग जीवन बचाने, समुदायों की रक्षा करने और आग को छोटा रखने का सबसे अच्छा तरीका है। मगर इसका स्वास्थ्य पर गहरा प्रभाव है।

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