
नई दिल्ली । इजरायल(Israel) ने गाजा शहर(Gaza City) पर पूर्ण नियंत्रण स्थापित करने के लिए एक बड़े सैन्य अभियान(Military operations) की योजना बनाई है। इसके तहत, इजरायली रक्षा बल (IDF) ने लगभग 60,000 रिजर्व सैनिकों को बुलाने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। यह कदम गाजा में हमास के सैन्य और शासकीय ढांचे को नष्ट करने और क्षेत्र पर कब्जा करने की रणनीति का हिस्सा है। इस अभियान को “ऑपरेशन गिडियन्स चैरियट” के अगले चरण के रूप में देखा जा रहा है।
अभियान का उद्देश्य क्या है?
इजरायली सेना का कहना है कि इस अभियान का मुख्य लक्ष्य गाजा शहर पर नियंत्रण स्थापित करना और हमास के भूमिगत सुरंग नेटवर्क को नष्ट करना है, जो उसका सैन्य और शासकीय गढ़ माना जाता है। इसके साथ ही, इजरायल का उद्देश्य हमास द्वारा बंधक बनाए गए लोगों की रिहाई सुनिश्चित करना और यह सुनिश्चित करना है कि हमास भविष्य में इजरायल के लिए खतरा न बन सके। इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने कहा है कि यह युद्ध तब तक जारी रहेगा, जब तक हमास पूरी तरह से खत्म नहीं हो जाता।
IDF ने 60,000 रिजर्व सैनिकों को बुलाने के आदेश जारी किए। इसके अलावा, 20,000 अन्य सैनिकों की सेवा अवधि बढ़ाई गई है, और तीन चरणों में कुल 1,30,000 सैनिकों को तैनात करने की योजना है। आईडीएफ प्रमुख ने सरकार को चेतावनी दी है कि गाजा शहर पर कब्जा करने की योजनाबद्ध कार्रवाई से पट्टी में ‘सैन्य सरकार’ स्थापित हो जाएगी। उन्होंने कहा कि सेना ने 60,000 रिजर्व सैनिकों को बुलाना शुरू कर दिया है।
इजरायली सेना गाजा शहर के बाहरी इलाकों और जबालिया जैसे क्षेत्रों में पहले से ही ऑपरेशन चला रही है। यह अभियान अब गाजा शहर के घनी आबादी वाले इलाकों तक विस्तारित होने जा रहा है। सेना का विशेष ध्यान हमास के विशाल भूमिगत सुरंग नेटवर्क पर है, जिसे वह अपने सैन्य अभियानों के लिए इस्तेमाल करता है।
गाजा में मानवीय संकट
इस सैन्य अभियान की योजना ने गाजा में मानवीय संकट को और गहराने की आशंका बढ़ा दी है। संयुक्त राष्ट्र और कई गैर-सरकारी संगठनों ने चेतावनी दी है कि इस हमले से बड़े पैमाने पर विस्थापन और मानवीय तबाही हो सकती है। गाजा शहर के लाखों निवासियों को दक्षिणी गाजा में शरण स्थलों की ओर जाने का आदेश दिया जा सकता है, जिसकी पहले से ही व्यापक निंदा हो रही है।
इजरायल ने गाजा के फिलिस्तीनियों को साउथ सूडान जैसे देशों में बसाने की योजना पर भी चर्चा शुरू की है, जिसका मिस्र और मानवाधिकार संगठनों ने विरोध किया है। 25 देशों के विदेश मंत्रियों ने गाजा में मानवीय पीड़ा को “अकल्पनीय” बताया और इजरायल से सहायता की अनुमति देने की अपील की है। गाजा और वेस्ट बैंक में इजरायली बस्तियों को अंतरराष्ट्रीय कानून के तहत अवैध माना जाता है, और 2024 में अंतरराष्ट्रीय न्यायालय ने इजरायल के कब्जे को गैरकानूनी घोषित किया था।
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