
नई दिल्ली । अहमदाबाद विमान हादसे(ahmedabad plane crash) को कई घंटे गुजर गए हैं लेकिन स्थानीय लोगों (Locals)के बीच से दहशत खत्म (The terror is over)होने का नाम नहीं ले रही है। सरदार वल्लभभाई पटेल इंटरनेशनल एयरपोर्ट के करीब स्थित मेघानीनगर और असरवा क्षेत्रों के लोगों की आंखों से नींद गायब है। लोगों का कहना है कि वे रह रह कर होने वाली विमानों की गर्जना से सहम जा रहे हैं। स्थानीय महिला रेखा क्षत्रिय ने बताया कि मैं 13 साल से यहां रह रही हूं। विमान को हमेशा करीब से उड़ते देखा लेकिन उस दिन जो हुआ उसे मैं कभी भुला नहीं सकती हूं।
धमाके से कांप गई थी रूह
रेखा क्षत्रिय ने आगे कहा कि धमाके की आवाज इतनी तेज थी मानों पूरी धरती ही कांप गई। मैं कुछ समझ पाती उससे पहले आसमान में आग का गोला उठा और हर तरफ चीख पुकार मच गई। अब भी दहशत का वो मंजर भूला नहीं है। विमानों की आवाजाही के दौरान होने वाली आवाज दहशत भर दे रही है।
बेचैन कर देती है आवाज
यश परमार कहते हैं कि हम विमानों को देखकर हाथ हिलाते थे। यह हमारी पसंदीदा गतिविधि थी, लेकिन यह तब तक ही था जब तक दुर्घटना नहीं हुई थी। अब, जब भी कोई विमान हमारे पास से गुजरता है तो घबराहट होती है। अब विमानों की आवाज हमें बेचैन कर देती है। अब हम विमानों को देखकर छतों पर हाथ हिलाकर जवाब नहीं देते। चिंता के कारण हमारे माता-पिता ने हमें छत पर जाने से रोक दिया है।
हर कोई डरा हुआ
असरवा निवासी हितेश शाह कहते हैं कि प्लेन कैश के बाद लोगों का विमानों के प्रति नजरिया बदल गया है। इस क्षेत्र के लोग हर घंटे अपने घरों के ऊपर बड़े विमानों को उड़ते हुए देखने के आदी थे। हमने कभी नहीं सोचा था कि कोई विमान हादसे का शिकार हो जाएगा। लेकिन अब, हर कोई डरा हुआ है। वे हर बार विमान के इंजन की आवाज़ सुनते ही प्रार्थना करते हैं। अब हम हर विमान को संदेह की नजर से देखते हैं। लोग यही प्रार्थना करते हैं कि यह हमारे ऊपर न गिर जाए
मानो ज्वालामुखी धधक रहा हो
घटनास्थल से महज 500 मीटर दूर रहने वाले बहादुर क्षत्रिय ने बताया कि धमाका हुआ तो घर की हर चीज हील गई थी। मैं सीधे घटनास्थल की ओर दौड़ा लेकिन कोई करीब नहीं जा सका क्योंकि आग की लपटें और तपिश इतनी ज्यादा थी मानों ज्वालामुखी धधक रहा हो। हर तरफ आग ही आग थी। गाड़िया जल रही थी, एसी फट रहे थे। पूरा इलाका धमाकों से गूंज रहा था। छात्रावास से निकली आग दूसरे भवनों तक फैल रही थी और लोग भाग रहे थे।
मंजर देख टूट गई हिम्मत
बहादुर ने बताया कि जब आग शांत हुई और राहत और बचाव दल पहुंचा तो मैंने खुद विमान के मलबे से पूरी तरह जल चुके पांच शव निकाले, लेकिन जो मंजर वहां था उसको देख हिम्मत जवाब दे गई। कुछ लोग जल रहे थे तो कुछ पूरी तरह खाक हो चुके थे। ऐसा मंजर मैंने कभी नहीं देखा था। हर तरफ मलबा ही मलबा था। अस्पताल में अफरा-तफरी का माहौल था, लोग जिंदगियां बचाने को दौड़ रहे थे लेकिन हकीकत ये थी कि सब खाक हो गए थे।
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