
इंदौर। इन्दौर में फिर से 20 लाख पौधे लगाए जाने के लक्ष्य के चलते इस बार शहरभर के उद्यानों और निगम की खाली पड़ी जमीनों के साथ-साथ रिंगरोड, हातोद और महू की गोशाला में पड़ी कई एकड़ जमीन पर पौधे लगाने पर चर्चा हुई। मंत्री द्वारा ली गई बैठक के बाद अब नगर निगम और जिला प्रशासन के अधिकारियों के समक्ष पौधारोपण के लिए नए स्थान ढूंढने का काम एक चुनौती बन गया है । पिछले साल 51 लाख पौधे लगाने के लिए रेवती रेंज की पहाड़ी मिल गई थी।
अब इस बार स्थान ढूंढने में प्रशासन को पसीने आएंगे। अन्य विभागों को जहां अलग-अलग टारगेट दिए गए हैं, वहीं इस बार निगम द्वारा तीन लाख पौधे लगाए जाने का टारगेट रखा गया है। मंत्री विजयवर्गीय ने महापौर पुष्यमित्र भार्गव और निगम कमिश्नर शिवम वर्मा से कहा कि वे ऐसे स्थान चिन्हित कराएं, जहां पौधारोपण बड़े पैमाने पर हो सकता है। उद्यान समिति प्रभारी राजेंद्र राठौर ने बताया कि हातोद में निगम को कुछ दिनों पहले ही 18 एकड़ जमीन मिली है, जहां बड़े पैमाने पर पौधारोपण किया जा सकता है।
इसके अलावा महू की कई एकड़ जमीन भी हरियाली के लिए उपयुक्त रहेगी। इसके साथ-साथ शहर के सभी 1100 से ज्यादा उद्यानों में पौधे लगाने के साथ-साथ रिंगरोड के आसपास और निगम की खाली पड़ी जमीनों पर पौधारोपण की तैयारियां शुरू की जाएगी और निगम उद्यान विभाग की टीमें स्थान चिन्हित करने में जुटी है। अगले 15 दिनों में इस मामले को लेकर फिर से बैठक होगी और आला अफसरों से जानकारी ली जाएगी।
अब कस्तूरबा ट्रस्ट की पहाड़ी पर हरियाली की तैयारी
बैठक के दौरान यह बात भी सामने आई कि कस्तूरबा ट्रस्ट रालामंडल के पास काफी खाली पड़ी जमीनें हैं और साथ ही पहाड़ी भी है, वहां पौधारोपण का कार्य बेहतर तरीके से हो सकता है। इस पर मंत्री विजयवर्गीय ने कहा कि पौधारोपण कार्य के लिए जमीन को लेकर निगम और प्रशासन के आला अधिकारी ट्रस्ट के प्रमुखों से चर्चा करें और अगर सहमति बन जाती है तो फिर वहां तैयारियां की जाएंगी।
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