
नई दिल्ली । बांग्लादेश प्रीमियर लीग(Bangladesh Premier League) के दौरान रविवार, 26 जनवरी को बड़ी ही अजीबो-गरीब घटना(strange incident) देखने को मिली। दरबार राजशाही की टीम(Darbar Rajshahi’s Team) के विदेशी खिलाड़ियों ने फ्रेंचाइजी द्वारा सैलरी न दिए जाने के कारण रविवार को ढाका में रंगपुर राइडर्स के खिलाफ मैच खेलने से इनकार कर दिया। ईएसपीएनक्रिकइन्फो के अनुसार, विदेशी खिलाड़ियों को उनके बकाया भुगतान का केवल एक-चौथाई ही पेमेंट मिली है। बीसीबी के नियमों के अनुसार, फ्रेंचाइजियों को टूर्नामेंट के दौरान कुल बकाया राशि का कम से कम 75% भुगतान करना अनिवार्य है।
रयान बर्ल, मोहम्मद हारिस, मार्क देयाल, मिगुएल कमिंस, आफताब आलम और लाहिरू समरकून इस सीजन में राजशाही के विदेशी खिलाड़ी हैं, सैलरी ना मिलने की वजह से इन खिलाड़ियों ने खेलने से इनकार कर दिया है। बीसीबी के नियमों के अनुसार हर टीम को कम से कम दो विदेशी खिलाड़ियों के साथ खेलना होगा, लेकिन राजशाही ने रविवार को केवल स्थानीय 11 खिलाड़ियों के साथ खेला, जो टूर्नामेंट के इतिहास में ऐसा पहला मामला था।
टॉस के समय टीम के कप्तान तस्कीन अहमद ने कहा, “हमने कुछ बदलाव किए हैं। चार या पांच। क्योंकि आज कोई विदेशी नहीं है। सभी स्थानीय खिलाड़ी आज खेल रहे हैं।” इसके तुरंत बाद, बीसीबी ने एक बयान जारी कर कहा कि फ्रैंचाइज ने यह कदम उठाने से पहले विशेष अनुमति ली है।
बीसीबी ने कहा, “दरबार राजशाही टीम ने विदेशी खिलाड़ियों की अनुपलब्धता के कारण रंगपुर राइडर्स के खिलाफ आज के मैच के लिए केवल बांग्लादेशी खिलाड़ियों वाली टीम उतारने के लिए बीपीएल तकनीकी समिति से विशेष मंजूरी के लिए आवेदन किया है।”
बोर्ड ने आगे कहा, “अनुरोध की समीक्षा के बाद और बीपीएल 2024-25 की मैच खेलने की शर्तों के खंड 1.2.8 में उल्लिखित प्रावधानों के अनुसार, तकनीकी समिति ने दरबार राजशाही को इस मैच के लिए केवल बांग्लादेशी खिलाड़ियों वाली टीम उतारने की मंजूरी दे दी है।”
रिपोर्ट के अनुसार यह फ्रैंचाइज के लिए वित्तीय संकट का पहला मामला नहीं है। टीम के स्थानीय खिलाड़ियों को उनके बकाये का एक चौथाई भी भुगतान नहीं किया गया था और इस स्थिति को बदलने के लिए उन्हें दो हफ़्ते पहले चटगांव में ट्रेनिंग छोड़कर विरोध प्रदर्शन करना पड़ा था।
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