img-fluid

PM मोदी ने किया शिप बिल्डिंग क्षेत्र में 3 बड़ी योजनाओं का ऐलान, समुद्र में बढ़ेगी ताकत

September 21, 2025

नई दिल्ली। अमेरिका (America) से टैरिफ और H-1B वीजा (Tariffs and H-1B Visa) की चुनौती के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) ने समुद्री शक्ति बढ़ाने और शिप बिल्डिंग सेक्टर में आत्मनिर्भर बनने के के लिए तीन बड़ी योजनाओं की घोषणा की है। पीएम मोदी ने शनिवार को अन्य देशों पर भारत की निर्भरता को उसका मुख्य दुश्मन बताया और आत्मनिर्भरता के मूल मंत्र पर जोर देते हुए कहा कि “चिप हो या शिप…हमें भारत में ही बनाने होंगे”। वह गुजरात में भावनगर के गांधी मैदान में ‘समुद्र से समृद्धि’ कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे, जहां उन्होंने कुल 34,200 करोड़ रुपये की परियोजनाओं का उद्घाटन व शिलान्यास किया। पीएम मोदी ने शिप बिल्डिंग सेक्टर (Shipbuilding sector) के लिए 70 हजार करोड़ की तीन योजनाओं की घोषणा की है।


शिपबिल्डिंग और समुद्री जहाज की ओनरशिप के मामले में अभी भारत 16वें स्थान पर है। भारत के पास जितनी भी शिप हैं उनमें से केवल सात फीसदी ही भारत में बनी हैं। आंकड़ों के मुताबिक भारतीय जहाजों की संख्या में तेजी से कमी आई है। ऐसे में भविष्य के लिहाज से तैयार रहने के लिए ये तीनों योजनाएं शुरू की जाएंगी।

भारत के नौवहन क्षेत्र को दोषपूर्ण नीतियों के कारण हुए नुकसान का एक प्रमुख उदाहरण बताते हुए मोदी ने कहा कि भारत ऐतिहासिक रूप से एक बहुत ही जीवंत जहाज निर्माण उद्योग रहा है। उन्होंने कहा, “भारत के तटीय राज्यों में निर्मित जहाज कभी घरेलू और वैश्विक व्यापार को गति प्रदान करते थे। पचास साल पहले भी, भारत घरेलू स्तर पर निर्मित जहाजों का इस्तेमाल करता था, और उसका 40 प्रतिशत से ज्यादा आयात-निर्यात इन्हीं के जरिए होता था।”

मोदी ने कहा, “50 साल पहले तक हमारा व्यापार 40 प्रतिशत भारत में बने जहाजों से होता था, लेकिन अब यह घटकर मात्र पांच प्रतिशत रह गया है।” उन्होंने कहा कि भारत विदेशी नौवहन कंपनियों को उनकी सेवाओं के लिए हर साल 75 अरब अमेरिकी डॉलर या लगभग 6 लाख करोड़ रुपये का भुगतान करता है।

प्रधानमंत्री ने कहा, “क्या लोग कल्पना कर सकते हैं कि पिछले सात दशकों में दूसरे देशों को माल ढुलाई के रूप में कितना पैसा दिया गया है? धन के इस बहिर्वाह ने विदेश में लाखों नौकरियां पैदा की हैं। यदि इस व्यय का एक छोटा सा हिस्सा भी पिछली सरकारों ने घरेलू नौवहन उद्योग में लगाया होता, तो आज दुनिया भारतीय जहाजों का उपयोग कर रही होती, और भारत नौवहन सेवाओं से लाखों करोड़ रुपये कमा रहा होता।” मोदी ने कहा, “चिप (सेमीकंडक्टर चिप) या शिप (जहाज), हमें भारत में ही बनाने होंगे।” उन्होंने कहा कि घरेलू बंदरगाह वैश्विक समुद्री महाशक्ति के रूप में भारत के उदय की रीढ़ हैं।

मोदी ने कहा कि भारत का समुद्री क्षेत्र अब अगली पीढ़ी के सुधारों की ओर बढ़ रहा है। उन्होंने घोषणा की कि आज से देश के सभी प्रमुख बंदरगाहों को बहुविध दस्तावेज़ों और खंडित प्रक्रियाओं से मुक्ति मिल जाएगी। उन्होंने कहा, “ ‘एक राष्ट्र, एक दस्तावेज’ और ‘एक राष्ट्र, एक बंदरगाह’ प्रक्रिया के कार्यान्वयन से व्यापार-कारोबार और सरल हो जाएगा।” उन्होंने कहा कि समुद्री क्षेत्र में कई सुधार शुरू किए गए हैं और पांच समुद्री कानूनों को नए रूप में पेश किया गया है। उन्होंने कहा कि ये कानून नौवहन और बंदरगाह प्रशासन में बड़े बदलाव लाएंगे।

प्रधानमंत्री ने कहा कि नौवहन क्षेत्र को मजबूत करने के लिए एक ऐतिहासिक निर्णय लिया गया है और अब बड़े जहाजों को बुनियादी ढांचे का दर्जा दिया गया है। मोदी ने कहा, “जहाज निर्माण कंपनियों को अब बैंकों से ऋण प्राप्त करना आसान हो जाएगा और उन्हें कम ब्याज दरों का लाभ मिलेगा। बुनियादी ढांचे के वित्तपोषण से जुड़े सभी लाभ अब इन जहाज निर्माण उद्यमों को मिलेंगे।” उन्होंने कहा कि सरकार भारत को एक प्रमुख समुद्री शक्ति बनाने के लिए तीन प्रमुख योजनाओं पर काम कर रही है।

उन्होंने कहा, “इन पहलों से जहाज निर्माण क्षेत्र के लिए वित्तीय सहायता आसान हो जाएगी, शिपयार्डों को आधुनिक प्रौद्योगिकी अपनाने में मदद मिलेगी और डिजाइन तथा गुणवत्ता मानकों में सुधार होगा। आने वाले वर्षों में 70,000 करोड़ रुपये से अधिक का निवेश किया जाएगा।” पीएम मोदी ने कहा कि 25 हजार करोड़ रुपये शिपबिल्डिंग फाइनेंशनल असिस्टेंस स्कीम के तहत दिए जाएंगे। इसके अलावा 25 हजार करोड़ का मैरिटाइम डिवेलपमेंट फंड बनाया जाएगा जिससे इस क्षेत्र के लोगों को लंबे समय तक सुरक्षा मिलेगी।

तीसरी स्कीम 20 हजार करोड़ की होगी जो कि ग्रीनफील्ड शिपबिल्डिंग मेगा क्लस्टर्स को वित्तीय सहायता उपलब्ध करवाएगी। यह लैंड कनेक्टिविटी और बंदरगाहों के विस्तार के लिए होगी। जानकारों का कहना है कि चीन और दक्षिण कोरिया को देखते हुए भारत सरकार ने इस क्षेत्र को मजबूत करने के लिए कदम उठाए हैं। आने वाले समय में इस क्षेत्र में दो करोड़ रोजगार पैदा हो सकते हैं। इन योनजाओं को जल्द ही कैबिनेट से भी मंजूरी मिल जाएगी।

Share:

  • कोई भी जज हो उसको... मुसलमानों को कठमुल्ला कहने वाले जस्टिस शेखर यादव पर बोले पूर्व CJI चंद्रचूड़

    Sun Sep 21 , 2025
    नई दिल्‍ली । मुस्लिमों को कठमुल्ला(Muslims) जैसे शब्द कहकर विवादों में आए इलाहाबाद हाई कोर्ट(Allahabad High Court) के जज शेखर यादव (Judge Shekhar Yadav)की टिप्पणी पर पूर्व सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़(Former CJI DY Chandrachud) की प्रतिक्रिया सामने आई है। उन्होंने कहा है कि कोई भी जज हो, उसको धर्मनिरपेक्ष रहना जरूरी है। पूर्व सीजेआई से जब […]
    सम्बंधित ख़बरें
    लेटेस्ट
    खरी-खरी
    का राशिफल
    जीवनशैली
    मनोरंजन
    अभी-अभी
  • Archives

  • ©2025 Agnibaan , All Rights Reserved