
नई दिल्ली: कनाडा के प्रधानमंत्री मार्क कार्नी (Canadian Prime Minister Mark Carney) ने पीएम मोदी (PM Modi) को फोन किया और उन्हें कनाडा के अल्बर्टा प्रांत के कनानास्किस में 15-17 जून को होने वाले जी7 शिखर सम्मेलन के लिए आमंत्रित किया. सोशल साइट एक्स पर एक पोस्ट में पीएम मोदी ने कहा कि उन्होंने कार्नी का निमंत्रण स्वीकार कर लिया है और शिखर सम्मेलन के दौरान उनसे मिलने के लिए उत्सुक हैं.
एक्स पर पीएम मोदी ने कहा, “उन्हें हाल ही में हुए चुनाव में मिली जीत के लिए बधाई दी और इस महीने के अंत में कनानास्किस में होने वाले जी7 शिखर सम्मेलन के लिए निमंत्रण के लिए धन्यवाद दिया. लोगों के बीच गहरे संबंधों से बंधे जीवंत लोकतंत्रों के रूप में भारत और कनाडा आपसी सम्मान और साझा हितों के आधार पर नए जोश के साथ मिलकर काम करेंगे. शिखर सम्मेलन में हमारी मुलाकात के लिए उत्सुक हैं.”
कार्नी के पूर्ववर्ती जस्टिन ट्रूडो की सरकार के दौरान कनाडा के साथ भारत के संबंध में काफी कड़वाहट देखी गयी थी. ट्रूडो पर कनाडा में खालिस्तानी अलगाववादियों की गतिविधियों को प्रश्रय देने का आरोप लगा था. यह घटनाक्रम ऐसे समय में सामने आया है जब प्रधानमंत्री मार्क कार्नी के नेतृत्व वाली कनाडाई सरकार 15-17 जून को अल्बर्टा के कनानास्किस रिसॉर्ट में इस साल के G7 शिखर सम्मेलन की मेजबानी करने के लिए पूरी तरह तैयार है.
कनाडा के कनानास्किस में G7 शिखर सम्मेलन दूसरी बार वैश्विक सम्मेलन की मेजबानी करेगा. पहली बार 2002 में वहां आयोजित किया गया था. इस साल का शिखर सम्मेलन विशेष रूप से महत्वपूर्ण है क्योंकि यह G7 की 50वीं वर्षगांठ के साथ मेल खाता है, जो दुनिया की सबसे उन्नत अर्थव्यवस्थाओं वाला समूह है. कनाडा, फ्रांस, जर्मनी, इटली, जापान, यूनाइटेड किंगडम और संयुक्त राज्य अमेरिका के अतिरिक्त जी7 में यूरोपीय संघ हिस्सा लेता है.
प्रधानमंत्री मार्क कार्नी के नेतृत्व में G7 शिखर सम्मेलन वैश्विक शांति और सुरक्षा, आर्थिक लचीलापन, जलवायु कार्रवाई और डिजिटल परिवर्तन सहित कई जरूरी मुद्दों पर ध्यान केंद्रित करेगा.
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