
नई दिल्ली । नेशनल कॉन्फ्रेंस (National Conference)के अध्यक्ष(President) और जम्मू-कश्मीर( Jammu and Kashmir) के पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला (Former Chief Minister Farooq Abdullah)ने मंगलवार को कांग्रेस द्वारा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर लगाए गए ‘गायब’ होने के आरोप को सिरे से खारिज कर दिया। उन्होंने कहा, “वो कहां गायब हैं? मैं जानता हूं कि वो दिल्ली में हैं।” आपको बता दें कि कांग्रेस ने हाल ही में सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर एक पोस्ट शेयर किया था, जिसमें प्रधानमंत्री मोदी की एक पुरानी तस्वीर से सिर को अलग करते हुए हमला किया था। तस्वीर के ऊपरी हिस्से में ‘गायब’ लिखा था और नीचे कैप्शन में कहा गया, “जिम्मेदारी के समय… गायब।”
कांग्रेस के द्वारा शेयर किए गए इस पोस्ट की तीखी आलोचना हुई। बाद में कांग्रेस ने हटा लिया। फारूक अब्दुल्ला ने कहा, “हमने प्रधानमंत्री को पूरा समर्थन दिया है। अब हमें सवाल नहीं पूछना चाहिए। प्रधानमंत्री जो जरूरी समझें, वो करें।”
भारत की परमाणु ताकत की दिलाई याद
पाकिस्तान की बार-बार की जा रही परमाणु हथियारों की धमकी पर फारूक अब्दुल्ला ने कहा, “हमारे पास भी परमाणु शक्ति है और वो उनसे पहले से है। भारत ने कभी पहले हमला नहीं किया। शुरूआत हमेशा पाकिस्तान की ओर से होती है। अगर आज भी वे ऐसा करते हैं, तो हमारे पास भी जवाब देने की क्षमता है। ईश्वर करे ऐसी स्थिति कभी न आए।”
उन्होंने पाकिस्तान पर अतीत के आतंकी हमलों के लिए जिम्मेदार ठहराते हुए कहा, “मुंबई हमला उन्होंने किया, पठानकोट हमला, उरी हमला, सभी उन्होंने किए। कारगिल में भी हमला किया और जब भारत ने जवाब दिया तो वे अमेरिका की ओर दौड़े मदद मांगने। अगर दोस्ती चाहिए तो ऐसे काम बंद करने होंगे। अगर दुश्मनी चाहिए, तो हम भी तैयार हैं।”
सैनिकों को खुली छूट: पीएम मोदी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को अपने आवास पर हुई उच्च स्तरीय बैठक में स्पष्ट किया कि भारतीय सशस्त्र बलों को पूर्ण स्वतंत्रता दी गई है। इसका अर्थ है कि सेना जवाब देने के तरीके, टारगेट और समय तय करने के लिए स्वतंत्र है। इस बैठक में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल, चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल अनिल चौहान और तीनों सेनाओं के प्रमुख शामिल हुए।
आपको बता दें कि पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले में 26 लोग मारे गए थे। इसके बाद भारत ने पाकिस्तान पर कड़ा रुख अपनाया है। इसमें सिंधु जल संधि को अस्थायी रूप से निलंबित करना और पाकिस्तानी नागरिकों के वीजा निरस्त करने जैसे कदम शामिल हैं।
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