
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) ने स्वतंत्रता दिवस (Independence Day) पर लाल किले से अपने भाषण में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) की प्रशंसा की। इसे लेकर विपक्षी दल (विपक्षी दल) तीखी आलोचना कर रहे हैं। एआईएमआईएम चीफ असदुद्दीन ओवैसी (AIMIM Chief Asduddin Owaisi) सहित नेताओं ने उन पर स्वतंत्रता संग्राम का अपमान करने और राष्ट्रीय आयोजन को संगठनात्मक लाभ के लिए इस्तेमाल करने का आरोप लगाया। ओवैसी ने संघ की प्रशंसा को स्वतंत्रता संग्राम का अपमान करार दिया। उन्होंने आरोप लगाया कि आरएसआएस और इसके सहयोगियों ने ब्रिटिश के प्यादों के रूप में काम किया। उन्होंने गांधी से जितनी नफरत की, उतना कभी ब्रिटिश का विरोध नहीं किया।
असदुद्दीन ओवैसी ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा, ‘हिंदुत्व की विचारधारा बहिष्कार में विश्वास करती है और यह हमारे संविधान के मूल्यों के खिलाफ है। मोदी एक स्वयंसेवक के रूप में नागपुर जाकर संघ की प्रशंसा कर सकते थे, लेकिन उन्हें प्रधानमंत्री के रूप में लाल किले से ऐसा क्यों करना पड़ा?’ ओवैसी ने कहा कि चीन हमारा सबसे बड़ा बाहरी खतरा बना हुआ है। लेकिन इससे भी बड़ा खतरा हमारे भीतर है – संघ परिवार की ओर से फैलाया जा रहे नफरत और विभाजन। हमें ऐसी सभी ताकतों को हराना होगा ताकि हम अपनी आजादी को वास्तव में सुरक्षित रख सकें।
आरएसएस को खुश करने की कोशिश: कांग्रेस
कांग्रेस ने भी स्वतंत्रता दिवस पर लाल किले की प्राचीर से प्रधानमंत्री के भाषण को अत्यंत चिंताजनक बताया। कांग्रेस संचार विभाग के प्रमुख जयराम रमेश ने कहा कि स्वतंत्रता दिवस पर मोदी के भाषण का सबसे चिंताजनक पहलू लाल किले की प्राचीर से RSS का नाम लेना रहा। यह संवैधानिक, धर्मनिरपेक्ष गणराज्य की भावना का खुला उल्लंघन है। रमेश ने इसे आरएसएस को खुश करने की पीएम मोदी की कोशिश करार दिया। उन्होंने कहा कि अगले महीने 75वें जन्मदिन से पहले संगठन को खुश करने की मोदी की यह एक हताश कोशिश के अलावा और कुछ नहीं है। उनका कहना था कि पिछले वर्ष चार जून के बाद से निर्णायक रूप से कमजोर पड़ चुके प्रधानमंत्री अब पूरी तरह मोहन भागवत की कृपा पर निर्भर हैं, ताकि सितंबर के बाद उनका कार्यकाल का विस्तार हो सके।
पीएम मोदी ने संघ को लेकर क्या कहा
पीएम मोदी ने लाल किले की प्राचीर से अपने संबोधन में RSS की स्थापना के 100 साल पूरा होने का उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि इस संगठन की राष्ट्रसेवा की यात्रा पर देश गर्व करता है। उन्होंने यह भी कहा कि आरएसएस दुनिया का सबसे बड़ा एनजीओ है और यह प्रेरणा देता रहेगा। प्रधानमंत्री ने कहा, ‘आज से 100 साल पहले एक संगठन का जन्म हुआ, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ। 100 साल की राष्ट्र की सेवा एक बहुत ही गौरवपूर्ण कार्य है। व्यक्ति निर्माण से लेकर राष्ट्र निर्माण का लक्ष्य लेकर मां भारती के कल्याण के लिए लाखों स्वयंसेवकों ने अपना जीवन समर्पित किया। यह एक प्रकार से दुनिया का सबसे बड़ा एनजीओ है। 100 साल का समर्पण का इतिहास है।’
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