
बीजिंग । चीन (China) ने शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) के आगामी चीन दौरे का स्वागत किया है। पीएम मोदी 31 अगस्त से 1 सितंबर तक चीन के तियानजिन शहर (Tianjin city) में होने वाले शंघाई सहयोग संगठन (SCO) शिखर सम्मेलन में हिस्सा ले सकते हैं। पीएम मोदी का संभावित चीन दौरा ऐसे समय में हो रहा है जब अमेरिका ने भारत के खिलाफ 50 फीसदी टैरिफ लगाने की घोषणा की है। चीन पहले ही अमेरिकी हथकंडों की कड़ी आलोचना कर चुका है।
चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता गुओ जियाकुन ने एक सवाल के जवाब में कहा, “चीन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का एससीओ तियानजिन समिट में भागीदारी के लिए स्वागत करता है। हमें विश्वास है कि सभी पक्षों के संयुक्त प्रयासों से यह सम्मेलन एकजुटता, मित्रता और सार्थक परिणामों का प्रतीक बनेगा और एससीओ एक नई ऊंचाई पर पहुंचेगा जिसमें अधिक समन्वय, ऊर्जा और उत्पादकता देखने को मिलेगी।” चीन ने एससीओ को लेकर कहा कि ‘यह दोस्ती का सम्मेलन होगा।’ पीएम मोदी चीन दौरा से पहले जापान की यात्रा पर जाने वाले हैं। वे जापान के प्रधानमंत्री शिगेरू इशिबा के साथ वार्षिक द्विपक्षीय सम्मेलन में भी भाग ले सकते हैं।
चीन यात्रा का इतिहास
प्रधानमंत्री मोदी इससे पहले 2018 में दो बार चीन गए थे- पहली बार अप्रैल में वुहान में राष्ट्रपति शी जिनपिंग के साथ अनौपचारिक शिखर वार्ता के लिए और दूसरी बार जून में किंगदाओ में एससीओ समिट में भाग लेने के लिए। इसके बाद 2019 में शी जिनपिंग भारत आए थे, जहां दूसरी अनौपचारिक शिखर बैठक हुई थी। यह बैठक 2017 के डोकलाम गतिरोध के बाद संबंधों को पटरी पर लाने की एक कोशिश थी।
गलवान संघर्ष और तनाव
हालांकि, 2020 में लद्दाख क्षेत्र में एलएसी पर हुई झड़पों और गलवान घाटी में हुए खूनी संघर्ष के बाद भारत-चीन संबंधों में जबरदस्त गिरावट आई। जून 2020 की उस झड़प में भारत के 20 सैनिक शहीद हो गए थे जबकि चीन के भी कई सैनिक मारे गए थे। यह छह दशकों में दोनों देशों के संबंधों में सबसे बड़ा तनाव बन गया था।
संबंधों को सामान्य करने की कोशिशें
21 अक्टूबर 2024 को दोनों पक्षों के बीच एलएसी विवाद को खत्म करने के लिए एक समझौता हुआ था। इसके दो दिन बाद रूस के कजान शहर में मोदी और शी जिनपिंग की मुलाकात हुई थी, जहां उन्होंने संबंधों को सामान्य करने और सीमा विवाद को सुलझाने के लिए कई द्विपक्षीय तंत्रों को पुनर्जीवित करने पर सहमति जताई थी।
द्विपक्षीय मीटिंग की संभावना
एचटी को सूत्रों ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि पीएम मोदी की इस यात्रा के दौरान शी जिनपिंग के साथ द्विपक्षीय बैठक की भी संभावना है। इस बैठक में एलएसी पर तनाव कम करने, सीधी उड़ानों की बहाली, सीमा व्यापार मार्गों को फिर से खोलने और दोनों देशों के लोगों के बीच संपर्क को बढ़ाने जैसे मुद्दों पर चर्चा हो सकती है।
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