ढाका। पड़ोसी देश बांग्लादेश (Bangladesh) की अंतरिम सरकार के मुखिया मोहम्मद यूनुस (Mohammad Yunus) चीन और पाकिस्तान (China-Pakistan) के उकसावे पर अक्सर भारत के खिलाफ जहर उगलते रहे हैं और पूर्वोत्तर के सात राज्यों पर ना सिर्फ गलत बयानी करते रहे हैं बल्कि उसे भारत से अलग मानने की साजिश रच रहे हैं। मोहम्मद यूनुस लगातार विदेश दौरों पर जाकर विदेशों से समर्थन जुटाने की मुहिम में लगे हुए हैं लेकिन भारतीय कूटनीति के सामने उनकी चालबाजी धरी की धरी रह गई।
दरअसल, मोहम्मद यूनुस अगले महीने 9 से 13 जून के बीच फ्रांस के नीस में आयोजित संयुक्त राष्ट्र महासागर सम्मेलन में भाग लेने के लिए वहां जाने वाले थे। इस दौरान वह फ्रांसीसी राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों से भी मिलना चाहते थे लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खास दोस्त मैक्रों ने अंतरराष्ट्रीय शिखर सम्मेलन के दौरान बांग्लादेश के मुख्य सलाहकार मुहम्मद यूनुस के साथ द्विपक्षीय बैठक करने से इनकार कर दिया है।
मोहम्मद यूनुस को करारा झटका
एक रिपोर्ट के अनुसार, ढाका द्वारा मैक्रों और यूनुस के बीच द्विपक्षीय बैठक तय हो जाने के बाद मोहम्मद यूनुस अगले महीने फ्रांस जाने वाले थे लेकिन अब खबर आई है कि फ्रांस ने ढाका के इस प्रस्ताव को खारिज कर दिया है। इससे आहत यूनुस ने अब उस शिखर सम्मेलन में जाने से ही इनकार कर दिया है और फ्रांस की प्रस्तावित यात्रा रद्द कर दी है। इस घटनाक्रम को बांग्लादेश की अंतरिम सरकार की वैश्विक पहुंच के लिए करारा झटका माना जा रहा है।
बांग्लादेश का क्या था प्लान?
दरअसल, फ्रांसीसी राष्ट्रपति मोहम्मद यूनुस के द्विपक्षीय बैठक की आड़ में उनके इरादे से वाकिफ थे और सिर्फ औपचारिकता के लिए बैठक नहीं करना चाहते थे। इसलिए इससे इनकार कर दिया गया। बता दें कि बांग्लादेश फ्रांस से नागरिक विमान खरीदना चाहता है लेकिन फ्रांस ने उसमें कोई रूचि नहीं दिखाई। इसके अलावा वह अन्य व्यापारिक समझौते और अपनी पहुंच फ्रांस तक जताना चाहते थे लेकिन भारतीय कूटनीति के सामने यूनुस की चालबाजी पस्त हो गई और उनके सभी मोहरे धरे के धरे रह गए।
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