
पटना । पटना मेट्रो (Patna Metro) के प्राथमिक कॉरिडोर (Primary Corridor) का उद्घाटन (Inauguration) अगले माह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) करेंगे। इसके लिए जोर-शोर से तैयारी की जा रही है। प्रधानमंत्री का सितंबर के तीसरे या चौथे सप्ताह में बिहार (Bihar) आने का संभावित कार्यक्रम है। इसी दौरान मेट्रो के उद्घाटन कराने की तैयारी की जा रही है। हालांकि पटना मेट्रो रेल कॉरपोरेशन को प्रधानमंत्री कार्यालय से उद्घाटन को लेकर सहमति पत्र प्राप्त नहीं हुआ है। वहीं मेट्रो डिपो में विद्युत का आपूर्ति तीन दिनों में शुरू हो जाएगा। जिसके बाद प्राथमिक कॉरिडोर के न्यू पाटलिपुत्र बस टर्मिनल स्टेशन से मलाही पकड़ी के बीच चरणबद्ध तरीके से विद्युत आपूर्ति का ट्रायल किया जाएगा।
डिपो के विद्युत सब स्टेशन में पावर ग्रिड से बिजली की आपूर्ति होगी। डिपो में विद्युत आपूर्ति शुरू होते ही मेट्रो ट्रायल रन की दिशा में एक कदम और आगे बढ़ जाएगा। जानकारी के अनुसार सितंबर के प्रथम सप्ताह में मेट्रो का ट्रायल रन शुरू होगा। प्राथमिक कॉरिडोर में लगभग 15 दिनों तक ट्रायल करने के बाद उद्घाटन होगा। पटना मेट्रो रेल कॉरपोरेशन द्वारा प्राथमिक कॉरिडोर के पांच स्टेशनों के बीच मेट्रो चलाने को लेकर निर्माण एजेंसी को तैयारी करने का निर्देश दिया गया है। लेकिन सूत्र बताते हैं कि सितंबर के तीसरे या चौथे सप्ताह तक तीन स्टेशनों का निर्माण कार्य पूर्ण किया जा सकता है।
मेट्रो के संचालन में विद्युत आपूर्ति और आरएसएस का होता है विशेष योगदान
आरएसएस कंट्रोल रूम, जिसे ऑपरेशन कंट्रोल सेंटर भी कहा जाता है, मेट्रो प्रणाली के सुचारू संचालन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। यह एक केंद्रीकृत स्थान है, जहां से पूरे मेट्रो नेटवर्क की निगरानी और नियंत्रण की जाती है। यह स्टेशन, ट्रेन, सिग्नलिंग, बिजली आपूर्ति और अन्य महत्वपूर्ण प्रणालियों के वास्तविक समय की जानकारी देता है। जिससे किसी भी असामान्य स्थिति या आपातकाल का तुरंत जवाब देना संभव होता है। आरएसएस कंट्रोल रूम में विभिन्न कैमरों, सेंसर और अन्य उपकरणों के माध्यम से पूरे मेट्रो नेटवर्क के वास्तविक समय की निगरानी होती है।
यह ट्रेनों के आवागमन को ट्रैक करता है, समय-सारणी का प्रबंधन करता है और किसी भी देरी या व्यवधान को संबोधित करता है। आरएसएस कंट्रोल का संचालन विद्युत आपूर्ति मिलने के बाद ही होता है। आरएसएस कंट्रोल रूम सिग्नलिंग प्रणाली को नियंत्रित करता है, यह सुनिश्चित करता है कि ट्रेनें सुरक्षित रूप से और कुशलता से चलें। वहीं आपातकालीन स्थितियों का जवाब देने और सुरक्षा प्रोटोकॉल को लागू करने के लिए भी जिम्मेदार होता है। इसके अलावा वेंटिलेशन, एयर कंडीशनिंग और अन्य प्रणालियों का भी प्रबंधन करता है।
प्रथम कॉरिडोर में मेट्रो के डिब्बे की फिनिशिंग पूरी
प्राथमिक कॉरिडोर में चलने वाली मेट्रो कोच का फिनिशिंग कार्य पूरा कर लिया गया है। जिस कारण मेट्रो ट्रायल रन के लिए पूरी तरह से तैयार है। तीन कोच वाली मेट्रो के हर कोच की क्षमता लगभग 300 यात्रियों की होगी, ताकि कम खर्च के साथ पर्यावरण को भी नुकसान न हो। हर कोच में बैठने और खड़े होने की क्षमता लगभग 300 यात्री की होगी, यानी तीन कोच में प्रति ट्रिप लगभग 900 यात्री यात्रा कर सकेंगे। प्राथमिक कॉरिडोर में पांच स्टेशन हैं, जिसमें न्यू पाटलिपुत्र बस टर्मिनल स्टेशन, जीरो माइल स्टेशन, भूतनाथ स्टेशन, खेमनीचक स्टेशन और मलाही पकड़ी स्टेशन शामिल हैं।
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