
नई दिल्ली। हवाई जहाज (Airplane) से सफर कर रहे यात्रियों को ऑनलाइन चेक इन (Online check-in) के दौरान बड़ी कीमत चुकानी पड़ रही है। खासतौर पर एक टिकट पर यदि दो यात्री हैं तो उन्हें भी एकसाथ बैठने के लिए प्रति सीट तीन सौ से 1500 रुपये अतिरिक्त चुकाने पड़ रहे हैं। घरेलू उड़ानों के साथ अंतरराष्ट्रीय उड़ान पर यही नियम: विमानन कंपनियों (Aviation companies) ने घरेलू उड़ानों के साथ-साथ अंतरराष्ट्रीय उड़ान पर यह नियम बना रखे हैं।
अधिकांश विमानन कंपनियों ने ऑनलाइन चेक इन का ऐसा सिस्टम बनाया है, जिसमें परिवार व दोस्तों के साथ सफर करे रहे यात्रियों को एक साथ सीट पाने के लिए न चाहते हुए भी अतिरिक्त शुल्क देना पड़ रहा है।
दरअसल, ऑनलाइन/वेब चेक इन में सिर्फ एक ही व्यक्ति की सीट अपनी पंसद के हिसाब से निःशुल्क चुनने का विकल्प दिया जा रहा है। यदि टिकट का दूसरा व्यक्ति भी सीट बराबर में चाहता है तो फिर उसे अतिरिक्त भुगतान करना होगा। अतिरिक्त भुगतान न करने की स्थिति में विमानन कंपनी दूसरे व्यक्ति की सीट दूसरी जगह पर दे देगी।
यह है नियम
नागर विमानन महानिदेशक (डीजीसीए) का प्रावधान यह है कि विमानन कंपनी अपने सिस्टम के जरिए कोशिश करेंगी कि अगर एक ही रिफरेंस व पीएनआर नंबर पर दो यात्रियों ने टिकट बुक कराए हैं तो ऐसे में दोनों यात्रियों को साथ की सीट पर बैठने का अवसर दिया जाएगा। भले ही, दूसरे यात्री को विंडो साइड की सीट न दी जाए। लेकिन विमानन कंपनी ऑनलाइन चेक इन शुरू होने के साथ ही, अतिरिक्त भुगतान के साथ दूसरी सीट को यात्री की पसंद से चुनने का विकल्प देती हैं।
एक साथ सफर करने पर भुगतान करना यात्रियों की मजबूरी
विमानन कंपनियों के इस नए चेक इन सिस्टम के हिसाब से परिवार व दोस्तों के साथ सफर करने वाले यात्रियों के लिए यह मजबूरी है कि वह भुगतान के विकल्प को चुने। ऑनलाइन चेक इन शुरू होने पर दूसरी सीट को अपनी पसंद से चुनने पर तीन से पांच सौ रुपये का अतिरिक्त भुगतान करना पड़ रहा है, लेकिन समय बीतने के साथ ही सीट चुनने का विकल्प महंगा होता जाता है। अंतिम समय में यह विकल्प प्रति सीट 1500 से ऊपर भी पहुंच जाता है। इस लिहाज से विमानन कंपनियां पसंद की सीट देने पर भी मोटी कमाई कर रही हैं।
स्पष्ट प्रावधान नहीं होने के कारण विमानन कंपनियां उठा रहीं लाभ
डीजीसीए ने वर्ष 2024 में सीट आवंटन को लेकर वायु परिवहन परिपत्र जारी किया, जिसमें अनुसूचित विमानन कंपनियों द्वारा सेवाओं और शुल्कों का पृथक्करण को लेकर कुछ प्रावधान स्पष्ट किया। जैसे कहा गया कि 12 साल से कम उम्र के बच्चे को बिना किसी शुल्क के माता-पिता के साथ सीट देनी होगी।
जबकि, अन्य मामलों में विमानन कंपनियों को निर्देश दिया कि एयरलाइन अपने सिस्टम/सर्विस में बेहतर प्रैक्टिस के हिसाब से कोशिश करेगी कि यात्राओं को साथ में सीट दें, लेकिन विमानन कम्पनियां सिर्फ अनिवार्य मामलों को छोड़कर बाकी में सर्विस प्रैक्टिस में दो यात्रियों को एक साथ सीट नहीं देती हैं।

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