
वॉशिंगटन। पोलैंड (Poland) के नए राष्ट्रपति करोल नवरोकी (Karol Nawrocki) बुधवार को व्हाइट हाउस का दौरा करेंगे। नवरोकी के दौरे से पोलैंड और अमेरिका के रिश्तों में मजबूती आ सकती है। साथ ही पोलैंड में अमेरिका की सैन्य तैनाती बढ़ाने पर भी बातचीत हो सकती है। करोल नवरोकी ने बीते महीने ही पोलैंड के राष्ट्रपति पद की जिम्मेदारी संभाली है और यह उनकी पहली विदेश यात्रा है। नवरोकी, ट्रंप समर्थक हैं और पोलैंड के चुनाव में राष्ट्रपति ट्रंप ने भी खुलकर नवरोकी का समर्थन किया था।
अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने रूस और यूक्रेन के बीच संघर्षविराम कराने का वादा किया था, लेकिन कई कोशिशों के बाद भी ट्रंप ऐसा नहीं कर सके हैं। बीते दिनों ट्रंप ने अलास्का में रूसी राष्ट्रपति पुतिन से मुलाकात की थी। जिसके बाद जल्द संघर्षविराम की उम्मीद बंधी थी। ट्रंप ने जल्द ही रूस-यूक्रेन और अमेरिका के बीच संयुक्त बैठक कराने की बात कही थी, लेकिन अलास्का बैठक के बाद पुतिन इस मुलाकात में कोई रुचि नहीं ले रहे हैं। इससे ट्रंप कहीं न कहीं निराश हैं।
पोलैंड भौगोलिक तौर पर पूर्वी यूरोपीय देश है, जिसकी सीमा बेलारूस और यूक्रेन से लगती हैं। पोलैंड यूरोपीय संघ और नाटो का सदस्य है और यूक्रेन, माल्दोवा आदि देशों को भी नाटो में शामिल करने का समर्थक है। यही वजह है कि अमेरिका और रूस दोनों महाशक्तियों की पोलैंड में रुचि होती है। रूस के यूक्रेन पर हमले का पोलैंड द्वारा विरोध किया जा रहा है और पोलैंड खुलकर यूक्रेन की मदद भी कर रहा है। हालांकि पोलैंड को डर है कि रूस, बेलारूस के साथ मिलकर उसकी संप्रभुता को नुकसान पहुंचा सकता है। रूस और उसका सहयोगी बेलारूस इस महीने बेलारूस में संयुक्त सैन्य अभ्यास करने वाले हैं, जिससे पोलैंड के साथ-साथ नाटो के अन्य सदस्य देश लातविया और लिथुआनिया भी बेचैन हैं।
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