
इंदौर। शहर में चोरी की रोजाना चार से पांच घटनाएं हो रही हैं। ये चोरियां जेल से छूटे बदमाश कर रहे हैं। इसका प्रमाण पांच दिन में पुलिस के हाथ लगी दो गैंग हैं, जिनसे सात चोरियों का खुलासा हुआ है। दोनों गैंग के सरगना कुछ दिन पहले ही जेल से छूटे थे। पुराने चोरों पर नजर रखने के लिए इंदौर पुलिस की पुरानी व्यवस्था है। इसके लिए क्राइम ब्रांच की एक टीम रोजाना जेल पर तैनात रहती है। इसका काम है रोजाना छूटने वाले चोरों की जानकारी रखना और संबंधित थाने को चोर के छूटने की सूचना देना, ताकि उस पर नजर रखी जा सके। लेकिन लगता है कि पुलिस की यह व्यवस्था ढीली पड़ गई है।
इसका प्रमाण है पांच दिन में शहर में पकड़ी गई चोरों की दो गैंग। पहली गैंग दीपक नेपाली की है, जो कुछ दिन पहले किशनगंज के प्रकरण में जेल से छूटा था। बाहर आकर उसने नई गैंग बनाई और इनोवा कार से शहर की टाउनशिप में सूने घरों को निशाना बनाया। उससे पुलिस ने पांच चोरियों का सात लाख का माल बरामद कर लिया है। कल एरोड्रम पुलिस ने गोलू उर्फ पुष्पेंद्र भूरिया की गैंग को पकड़ा। उसके दो साथी निलेश नरवरिया और अरविंद लोधा भी पकड़ाए। इन लोगों से एरोड्रम थाना क्षेत्र में हुई दो चोरियों का साढ़े तीन लाख का सोना बरामद हुआ है। गोलू कुछ दिन पहले ही जेल से छूटा है और पुराना बदमाश है। दोनों गैंग में एक अंतर है। दीपक नेपाली की गैंग दिन में रैकी कर रात में सूने मकानों को निशाना बनाती है तो गोलू की गैंग सूने मकानों को दिन में निशाना बनाती है।
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