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‘दिल्ली में प्रदूषण से OPD में आई मरीजों की बाढ़’, डॉक्टरों ने बताया किन लोगों को ज्यादा खतरा

November 06, 2025

नई दिल्ली। दिल्ली (Delhi) में वायु प्रदूषण (Air Pollution) के बढ़ते स्तर से बीमारियां तेजी से फैल रही हैं। गुरुवार को डॉक्टरों (Doctors) ने चेतावनी दी कि राजधानी में सांस की बीमारियों (Respiratory Diseases) से पीड़ित मरीजों की संख्या में भारी इजाफा हो गया है। लोग गले में खराश, नाक बहना, आंखों में खुजली और सीने में भारीपन जैसी शिकायतों से परेशान हैं। कुछ मरीजों में दमा, COPD, इंटरस्टिशियल लंग डिजीज और अन्य पुरानी फेफड़े या दिल की बीमारियों के लक्षण भी बदतर हो गए हैं। PGIMER के प्रोफेसर डॉक्टर ने बताया कि प्रदूषण की वजह से OPD मरीजों से खचाखच भरी हुई है। सांस की बीमारियों में 22-25 फीसदी का इजाफा हुआ है।

डॉ. ने कहा, ‘प्रदूषण के कारण OPD में सांस की बीमारियों जैसे ब्रॉन्काइटिस, दमा के तेज हमले वाले मरीजों की बाढ़ आई हुई है। ईएनटी OPD में साइनसाइटिस, नाक बहना और नाक से खून आने की शिकायतें बढ़ गई हैं। चर्म रोग (डर्मेटाइटिस) के मरीज भी ज्यादा आ रहे हैं। आंखों में सूखापन, पानी आना, लालिमा और नजर कमजोर होने की समस्या बढ़ी है। सांस की क्लिनिक में प्रदूषण से जुड़ी सभी बीमारियों के मरीज 22-25 फीसदी ज्यादा हैं। जिन लोगों को ब्रॉन्कियल अस्थमा, ब्रॉन्काइटिस है या जो पुराने धूम्रपान करने वाले हैं, बुजुर्ग हैं या जिन्हें पहले टीबी हुई है, उन्हें प्रदूषण से गंभीर बीमारी होने का खतरा ज्यादा है।’


सर गंगा राम अस्पताल के चेस्ट मेडिसिन विभाग के सीनियर कंसल्टेंट और वाइस चेयरमैन ने कहा कि इस साल दिल्ली की हवा सबसे खतरनाक स्तर पर पहुंच गई है। यह अचानक सर्दी शुरू होते ही हुआ है। डॉ. ने बताया, ‘यह इस साल की सबसे खतरनाक हवा की गुणवत्ता है, खासकर जब सर्दी की शुरुआत के साथ अचानक ऐसा हुआ है। नए मरीज गले में खराश, राइनाइटिस, नाक बहना, आंखों में खुजली और सीने में भारी दर्द लेकर आ रहे हैं। मौसम बहुत खराब है। दमा, सीओपीडी के मरीजों में लक्षण बदतर हो रहे हैं। ILD या कोई पुरानी फेफड़े या दिल की बीमारी वाले मरीज भी प्रभावित हैं। बच्चों, बुजु्र्गों और पुरानी बीमारियों वाले मरीजों को ज्यादा खतरा है।’

इस बीच, दिल्ली की हवा की गुणवत्ता गुरुवार सुबह और खराब हो गई। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अनुसार, सुबह 8 बजे शहर का कुल AQI 271 दर्ज किया गया। तुलना करें तो 5 नवंबर को दोपहर 4 बजे AQI 202 था। हालांकि हवा की गुणवत्ता खराब श्रेणी में ही है, लेकिन शहर के कई इलाकों पर असर पड़ा है। CPCB डेटा के मुताबिक, बुरारी क्रॉसिंग में AQI 280 रहा। दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति के अनुसार, द्वारका सेक्टर-8 में AQI 296 था। ITO में AQI 295 रहा, जो खराब श्रेणी में है। बुधवार सुबह 9 बजे ITO में AQI 274 था। नरेला में ‘बहुत खराब’ AQI 302 दर्ज हुआ। बवाना में भी यही हाल रहा, जहां हवा की गुणवत्ता 337 पर बहुत खराब श्रेणी में रही। वहीं, दिलशाद गार्डन में AQI 183 रहा, जो मध्यम श्रेणी में आता है।

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