
विवेक तिवारी, रीवा। महान गृहस्थ ऋषि , परम तपस्वी, परम पूज्यनीय शिव उपासक पूज्य औघडदास बाबा (Aughaddas Baba) बुधवार 14 जून समय दोपहर बाद 4 बजे तिथि एकादशी को ब्रम्हलीन हो गए। उनके पार्थिव शरीर को जबलपुर (Jabalpur) से सड़क माध्यम से उनके तपोस्थली औघड़ दास आश्रम राधिका पुरी पड़रा रीवा में लोगों के दर्शन के लिए 15 जून को दोपहर 12 बजे तक रखा जाएगा। 16 जून को ही उनके पार्थिव शरीर को प्रयागराज (PrayagRaj) में गंगा (Ganga River) के तट पर अंतिम अन्त्येष्टि के लिए ले जाया जाएगा। इस खब से विंध्य समेत पूरे मध्यप्रदेश (MP) और देश में उनके भक्तों और अनुयायियों में शोक की लहर दौड़ गई। आपको बता दें कि परम पूज्य बाबा जी साल 1962 से आध्यात्मिक जीवन में थे।
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