
श्रीनगर (Srinagar)। जम्मू-कश्मीर (Jammu and Kashmir) के पुंछ में सेना (Poonch Terrorist Attack) के एक ट्रक पर घात लगाकर हमला करने में शामिल आतंकवादियों को पकड़ने के लिए सेना ने बृहद पैमाने पर तलाशी अभियान (massive search operation) शुरू किया है और अब तक करीब 30 लोगों को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया गया है। अधिकारियों ने रविवार को यह जानकारी दी. इस हमले में सेना के पांच जवान शहीद (Five army soldiers martyred) हो गए थे. सेना के उत्तरी कमान के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल उपेंद्र द्विवेदी (Upendra Dwivedi) ने रविवार को कहा कि जम्मू-कश्मीर के पुंछ जिले के भाटा धुरियान इलाके में गत बृहस्पतिवार को सेना के एक ट्रक पर घातक हमले के लिए जिम्मेदार आतंकवादियों के खिलाफ आवश्यक कार्रवाई की जा रही है. वहीं, हमले के बाद राष्ट्रीय राजमार्ग के जम्मू-पुंछ हिस्से को रविवार को वाहनों के लिए खोल दिया गया।
सेना की उत्तरी कमान ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल के जरिए उधमपुर स्थित ‘कमान अस्पताल’ में लेफ्टिनेंट द्विवेदी के दौरे की जानकारी साझा की, जहां उन्होंने आतंकवादी हमले में घायल हुए जवान से बातचीत की। इस ट्वीट के साथ दो तस्वीरें भी साझा की गईं. सेना के ट्रक पर किए गए हमले में पांच जवान शहीद हो गए थे, जबकि एक अन्य जवान घायल हुआ था. हमले के समय ट्रक इफ्तार के लिए नजदीकी गांव खाने-पीने की सामग्री लेकर जा रहा था. सेना के उत्तरी कमान के कमांडर ने शनिवार को घटनास्थल का दौरा किया था।
भाटा धुरियान जंगल का इलाका है और आतंकवादियों द्वारा नियंत्रण रेखा के पार से घुसपैठ करने के लिए प्राथमिकता दिया जाने वाला इलाका है क्योंकि इलाका घने जंगलों और गुफाओं से घिरा है और भूस्थलीय बनावट भी उनके अनुकूल है. द्विवेदी ने सीमावर्ती इलाकों की सुरक्षा और आतंकवादियों को मार गिराने के लिए चलाए जाने की समीक्षा की. उत्तरी कमान ने ट्वीट कर बताया कि द्विवेदी को अब तक की गई कार्रवाई की जानकारी दी गई और उन्होंने सैनिकों को अपने संकल्प पर अडिग रहने का आह्वान किया।
अधिकारियों ने कहा कि पुंछ और राजौरी सीमावर्ती जिलों में हाई अलर्ट के बीच तलाश अभियान जारी है. उन्होंने बताया कि राजौरी-पुंछ राजमार्ग पर यातायात बृहस्पतिवार शाम से बाधित था, जिसे रविवार सुबह बहाल कर दिया गया. उन्होंने बताया कि यातायात को अन्य मार्गों पर परिवर्तित किया गया था ताकि इन सीमावर्ती जिलों को जम्मू से जोड़ने वाले इस राजमार्ग पर सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके. हमले के स्थान से गुजरने वाले लोगों ने बताया कि उन्होंने सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) द्वारा लगाए गए सूचक बोर्ड पर गोलियों के तीन निशान देखें और उस हिस्से में सड़क पर फल और सब्जियां फैली दिखाई दी।
अधिकारियों ने बताया कि 30 लोगों को अब तक पूछताछ के लिए हिरासत में लिया गया है. आधिकारिक सूत्रों ने बताया, ‘जिन लोगों को हिरासत में लिया गया है उनमें पुंछ स्थित देगवार के रहने वाले दो दंपति इकबाल और उसकी पत्नी मुदिफा और सलमान दिन और उसकी पत्नी रशिदा शामिल हैं. उन्होंने बताया कि मामले की जांच जारी है. उल्लेखनीय है कि हमले में मारे गए सैनिक राष्ट्रीय राइफल्स में थे और आतंकवाद रोधी अभियान के लिए तैनात किया गया था।
सूत्रों ने इससे पहले बताया था कि संदेह है कि उक्त हमले को तीन से चार आतंकवादियों के समूह ने मिलकर अंजाम दिया है. उन्होंने बताया कि संभवत: आतंकवादियों ने राजौरी और पुंछ में एक साल से अधिक समय बिताया है और उन्हें इलाके की पूरी जानकारी थी. बताया जाता है कि जम्मू-कश्मीर गजनवी फोर्स (जेकेजीएफ) इलाके में सक्रिय है और उसका कमांडर रफीक अहमद उर्फ रफीक नई इलाके का ही रहने वाला है. सूत्रों ने बताया कि मौजूदा समय में तीन-चार आतंकवादी इलाके में सक्रिय हैं।
अधिकारियों ने बताया कि सेना के ट्रक पर घात लगाकर हमला करने वाले आतंकवादियों ने बख्तरबंद ढाल को भेदने में सक्षम स्टील कोर गोलियों का इस्तेमाल किया और सैनिकों के हथियार लेकर फरार हो गए. उन्होंने कहा कि माना जा रहा है कि एक ‘स्नाइपर’ ने ट्रक को आगे से निशाना बनाया, जबकि दूसरी ओर से अन्य आतंकियों ने गोलियां चलाई और ग्रेनेड फेंके. अधिकारियों ने कहा कि राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड (एनएसजी) और राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) सहित विभिन्न एजेंसियों के विशेषज्ञों ने पिछले दो दिनों में घटनास्थल का दौरा किया है और घातक हमले की सटीक जानकारी पाने की कोशिश की है।
इस बीच, गुज्जर और बकरवाल समुदाय के सदस्यों ने रविवार को अखनूर सेक्टर स्थित सेना की इकाई से मुलाकात की और सुरक्षा बलों के प्रति एकजुटता प्रकट की. समुदाय के 113 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व कर रहे मोहम्मद अकरम ने रक्षामंत्री राजनाथ सिंह से अपील की कि वह सेना को सीमा पार से फैलाए जा रहे आतंकवाद का मुकाबला करने के लिए खुली छूट दें।
अकरम ने संवाददाताओं से कहा, ‘हम 25 साल पहले जब आतंकवाद चरम पर था तो बनिहाल तहसील से रामबन जिले के अखनूर आए और तब सेना ने हमारी मदद की और सुनिश्चित किया कि हमें कोई समस्या नहीं हो. हम जवानों पर हुए हमले की कड़ी निंदा करते हैं और हमारा समुदाय अपने सैनिकों के साथ खड़ा है.’
उन्होंने कहा कि आतंकवादी पाकिस्तान की ओर से जम्मू-कश्मीर के शांतिपूर्ण माहौल को भंग करने की कोशिश कर रहे हैं और उनके साथ कड़ाई से निपटा जाना चाहिए. उन्होंने कहा, ‘हम रक्षामंत्री राजनाथ सिंह से अपील करते हैं कि वह आतंकवाद से निपटने के लिए सेना को खुली छूट दें.’ रक्षा प्रवक्ता ने समुदाय को धन्यवाद देते हुए कहा कि पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद का सबसे बड़ा भुक्तभोगी गुज्जर और बकरवाल समुदाय है।
©2025 Agnibaan , All Rights Reserved