
न्यूयॉर्क। लंबे समय से ठप पड़ी भारत-अमेरिका व्यापार वार्ता (India-America Business Negotiations.) में अब सकारात्मक संकेत मिलने लगे हैं। न्यूयॉर्क (New York) में भारत के वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल (Commerce Minister Piyush Goyal) और अमेरिकी प्रतिनिधियों के बीच हुई शुरुआती बैठक को सफल बताया जा रहा है। सूत्रों के मुताबिक यह बैठक सही दिशा में जा रही है और दोनों पक्ष अवरोधों को पीछे छोड़ आगे बढ़ने के लिए प्रतिबद्ध हैं। बैठक में पीयूष गोयल के साथ भारत के प्रमुख वार्ताकार राजेश अग्रवाल (Rajesh Aggarwal) मौजूद रहे, जबकि अमेरिकी पक्ष का नेतृत्व यूएस ट्रेड रिप्रेजेंटेटिव (USTR) जैमीसन ग्रीयर ने किया। दोनों देशों ने लंबित समझौते को आगे बढ़ाने पर जोर दिया।
यह वार्ता हाल ही में नई दिल्ली में हुई बातचीत के बाद आगे बढ़ी है, जहां अमेरिकी अधिकारी ब्रेंडन लिंच और भारत के प्रमुख वार्ताकार राजेश अग्रवाल ने प्रक्रिया को तेज करने पर सहमति जताई थी। अधिकारियों ने आशा जताई कि निकट भविष्य में एक अंतरिम समझौता संभव है। साथ ही यह भी कहा है कि भारत में जल्द ही क्वाड शिखर सम्मेलन हो सकता है, जिसमें शामिल होने के लिए सदस्य देशों के राष्ट्राध्यक्ष भारत आ सकते हैं। आपके बता दें कि अमेरिका भी इसका हिस्सा है।
भारत-अमेरिका वार्ता गतिरोध में तब फंस गई थी जब यूएस ने रूस से आने वाले भारतीय कच्चे तेल पर अतिरिक्त 25% शुल्क लगा दिया था। इससे अमेरिकी बाजार में भारतीय निर्यात पर कुल ड्यूटी 50% तक पहुंच गई थी। इसी तनाव के चलते 25 अगस्त को होने वाली छठे दौर की बैठक स्थगित करनी पड़ी थी।
इसके बाद 16 सितंबर को एक USTR टीम ने नई दिल्ली का दौरा किया, जिसने इस सप्ताह की वार्ता का रास्ता साफ किया। सूत्रों का कहना है कि अगर वार्ता इसी तरह आगे बढ़ी, तो वर्ष के अंत तक क्वाड शिखर सम्मेलन भी आयोजित हो सकता है। यहां तक कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की भारत यात्रा की तैयारी भी शुरू कर दी गई है।
हालांकि, व्यापार अब भी सबसे कठिन मुद्दा बना हुआ है। उच्च टैरिफ और हाल ही में बढ़ी H-1B वीजा फीस दोनों देशों के बीच प्रमुख विवाद का कारण हैं। बावजूद इसके अमेरिका अब नरम रुख अपनाता दिख रहा है। अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने एनबीसी से बातचीत में कहा, “हमने भारत को लेकर जो कदम उठाए हैं वे सही दिशा में हैं, लेकिन उम्मीद है कि इसे हम जल्द ठीक कर लेंगे।”
संयुक्त राष्ट्र महासभा के इतर भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने भी रुबियो से मुलाकात की। यह इस बात का संकेत है कि व्यापार वार्ता के पीछे व्यापक सामरिक तालमेल दोनों देशों को और करीब ला रहा है।
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