
इंदौर। इंदौर (Indore) शहर का मान सफाई को लेकर भले ही देश में बढ़ा है, लेकिन दूसरे शहरों के लोग जब इंदौर शहर से गुजरते हैं तो बायपास और सर्विस रोड (Bypass and service roads) के गड्ढे शहर की छवि खराब करते हैं। सफाई में आगे रहने वाला शहर सड़क के गड्ढों के मामले में भी आगे है। 40 किलोमीटर लंबे राऊ-इंदौर-देवास बायपास (Rau-Indore-Dewas Bypass) के दोनों तरफ की सर्विस रोड छह लेन निर्माण के समय ही अधूरी बनी थी और उस पर भी गड्ढे हो गए हैं। वो भी हजारों की संख्या में। इस पर न राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण ध्यान दे रहा है और न नगर निगम, लेकिन सड़क पर चलने वाली जनता इस गड्ढों को खामियाजा भुगत रही है।
नगर निगम ने सात साल पहले नर्मदा लाइन बिछाने के लिए बायपास के सर्विस रोड पर खुदाई की थी। तब सर्विस रोड खराब हो गई थी। तीन साल पहले नगर निगम के तत्कालीन निगमायुक्त मनीष सिंह ने सर्विस रोड को फोरलेन करने का फैसला लिया था और डेढ़ सौ से ज्यादा बाधक निर्माण भी तोड़े गए थे। सर्विस रोड नगर निगम ने बनाने का फैसला लिया तो एनएचएआई ने 80 करोड़ रुपये नगर निगम को दिए, लेकिन अभी भी सर्विस रोड नहीं बन पाई। इंदौर में देवगुराड़िया, तेजाजी चौराहा, भंडारी रिसोर्ट वाले हिस्से में सर्विस रोड की हालत बेहद खराब है। गड्ढों के कारण अक्सर हादसे भी होने लगे हैं।
वर्ष 2008 में जब फोरलेन बायपास को छह लेन करने का फैसला लिया गया था तो कुछ हिस्सों में ही सर्विस लेन बनाई गई थी। इसका काफी विरोध भी हुआ था, क्योंकि इंदौरवासियों को सर्विस रोड नहीं होने से टोल रोड पर जाना पड़ता था और टैक्स चुकाना पड़ता था। 40 किलोमीटर के बायपास पर दोनों तरफ कुल 80 किलोमीटर सर्विस रोड बनना थी, लेकिन 50 किलोमीटर सर्विस रोड भी ठीक से नहीं बनी। छह लेन बायपास पर तीन स्थानों पर ब्रिज बनने से अब सर्विस रोड पर भारी वाहन चल रहे हैं। इस कारण सर्विस रोड की हालत और खराब हो गई है।
सर्विस रोड का निर्माण कुछ हिस्सों में शुरू किया है। हमने बेस बनाया है। ब्रिज निर्माण के कारण भारी वाहनों की आवाजाही भी सर्विस रोड पर हो रही है। इस कारण निर्माण कुछ हिस्सों में नहीं हो पाया है। नगर निगम दोनों तरफ सर्विस रोड भी चौड़ी बनाएगा। -राजेंद्र राठौर, जनकार्य समिति प्रभारी
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