
भोपाल। प्रदेश में बर्ड फ्लू की रफ्तार भले ही कम हो गई है लेकिन अब भी अन्य प्रदेशों में मुर्गे और अंडों की आवक कम ही है। भोपाल में भी लोकल पोल्ट्री फार्म से ही मांग की पूर्ति की जा रही है। हालांकि अब भी खपत पहले जैसी नहीं है। शहर में रोजाना की खपत 25 टन होती है लेकिन फिलहाल यह 15 टन के आसपास चल रही है। अधिकारियों ने बताया कि प्रदेश भर में अब तक 360 से ज्यादा सैंपलिंग की गई है। जहां बर्ड फ्लू की पुष्टि हुई वहां के सैंपलों को प्राथमिकता नहीं दी जा रही। ऐसे जिले जो बचे हुए हैं वहां ज्यादा फोकस है। भोपाल में हरियाणा, आंध्र, महाराष्ट्र, तमिलनाडु से पोल्ट्री उत्पाद आते हैंं। इस समय इनकी आवक 60 प्रतिशत तक घटी हुई है। पशुपालन विभाग के अधिकारियों के मुताबिक बर्ड फ्लू की वजह से अब भी बहुत से लोग पोल्ट्री उत्पादों से दूरी बनाए हुए हैं। इसी के साथ पोल्ट्री फार्म संचालक भी दूसरे प्रदेशों से मुर्गियां नहीं मंगवा रहे हैं।
32 जिलों में ही बर्ड फ्लू के मामले सामने आए हैं
अब तक प्रदेश में साढ़े चार हजार पक्षियों की मौत हो चुकी है। दिसंबर के आखिरी सप्ताह से बर्ड फ्लू के मामले आना शुरू हुए थे। खास बात यह है कि अब तक 32 जिलों में ही बर्ड फ्लू के मामले सामने आए हैं। अन्य जिलों में केस नहीं आए। अब बर्ड फ्लू की पुष्टि वाले जिलों में भी पक्षियोंं के मरने के मामले में कमी आई है। भोपाल सहित अन्य शहरों में इक्का-दुक्का पक्षियों के मामले सामने आ रहे हैं।
©2025 Agnibaan , All Rights Reserved