
कर्नाटक। दक्षिण भारतीय राज्य (South Indian state) आंध्र प्रदेश (Andhra Pradesh) में प्रजनन दर को लेकर चिंताएं बढ़ने लगी हैं। राज्य के मुख्यमंत्री (Chief Minister) अब बड़े परिवारों को आर्थिक सहयोग (Financial support for large families) देने पर विचार कर रहे हैं। हाल ही में उन्होंने एक इंटरव्यू में ऐसे संकेत दिए हैं। हालांकि, इसे लेकर आधिकारिक ऐलान होना अभी बाकी है। खास बात है कि आंध्र प्रदेश में पहले 2 से ज्यादा बच्चे वालों को पंचायत और निकाय चुनाव लड़ने से रोकने के लिए कानून तक में संशोधन किया जा चुका है
खबर है कि राज्य सरकार घटती प्रजनन दर से निपटने के लिए यह कदम उठा सकता है। मुख्यमंत्री नायडू ने कहा, ‘मैं परिवार को एक इकाई के रूप में मानकर आर्थिक प्रोत्साहन देने पर विचार कर रहा हूं। बड़े परिवार को बड़ा प्रोत्साहन दिया जा सकता है।’ उनका कहना है कि दक्षिण के राज्यों की मौजूदा जनसांख्यिकी पर राज्य सरकारों को अपनी रणनीति पर दोबारा विचार करने की जरूरत है।
उन्होंने कहा, ‘शून्य गरीबी पहल के तहत मैंने पहले ही एक दिलचस्प मॉडल शुरू किया है, जिसमें अमीर लोग गरीब परिवारों को गोद लेंगे। इससे ना सिर्फ आय में अंतर खत्म होगा, बल्कि पूरे परिवार का कल्याण भी सुनिश्चित हो सकेगा।’
राज्य के सीएम प्रजनन दर को लेकर खासे चिंतित हैं। उन्होंने अखबार को बताया कि आंध्र प्रदेश में प्रजनन दर को बढ़ाना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि मौजूदा दर पर राज्य में गंभीर समस्याएं होंगी…। इसलिए मैं बड़े परिवारों पर विचार कर रहा हूं। उन्होंने हाल ही में यह भी ऐलान किया है कि महिला कर्मचारी कितनी भी बार मेटरनिटी लीव यानी मातृत्व अवकाश ले सकेंगी।
और भी ऐलान कर चुकी है राज्य सरकार
राज्य सरकार संगठनों के लिए पहले ही घोषणा कर चुकी है कि कार्यस्थल पर चाइल्डकेयर सेंटर अनिवार्य हैं और सीएम नायडू स्कूल जाने वाले हर बच्चे को 15 हजार रुपये की आर्थिक सहायता देने की बात कर चुके हैं। उन्होंने कहा था, ‘हम यह राशि सीधे छात्रों की माताओं को देंगे। इसके अलावा आंध्र प्रदेश में एनडीए सरकार जोड़ों को ज्यादा बच्चे करने के लिए आर्थिक सहयोग देने पर विचार कर रही है।’
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