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NEET- JEE Main जैसी बड़ी परीक्षाओं में फेस रिकग्निशन तकनीक लागू करने की तैयारी..

December 24, 2025

नई दिल्ली। JEE Main , NEET UG 2026: एनटीए यानी नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (National Testing Agency) वर्ष 2026 से नीट और जेईई जैसी अपनी बड़ी प्रवेश परीक्षाओं (Major Entrance Exams) में अभ्यर्थियों की पहचान वेरिफाई करने के लिए फेस रिकग्निशन तकनीक (Face Recognition Technology) लागू करने की तैयारी कर रही है। इसके साथ ही इन प्रवेश परीक्षाओं की आवेदन प्रक्रिया के दौरान अभ्यर्थियों के लिए लाइव फोटो खींचने का विकल्प भी जोड़ा जाएगा। यानी अभ्यर्थियों को फॉर्म भरते समय अपनी स्कैन लेटेस्ट फोटो अपलोड करने के साथ साथ वेबकैम या मोबाइल से अपनी लाइव फोटो खींचकर भी अपलोड करनी होगी।


सूत्रों के अनुसार 2025 की नीट परीक्षा में यूआईडीएआई ने आधार आधारित फेस ऑथेंटिकेशन का पायलट परीक्षण ‘प्रूफ ऑफ कॉन्सेप्ट’ (पीओसी) किया था। यह परीक्षण दिल्ली के चुनिंदा नीट यूजी परीक्षा केंद्रों पर किया गया था। ये प्रक्रिया एनटीए के परीक्षा प्रोटोकॉल के मुताबिक हुई थी। देखा गया था कि परीक्षा केंद्रों पर आधार बेस्ट फेस रिकॉगनिशन की प्रक्रिया को अपनाना कितना प्रैक्टिकल है। परीक्षण के बेहतर नतीजों के बाद इसे 2026 से बड़ी प्रवेश परीक्षाओं में लागू करने की योजना है।

चेहरे के कई लक्षणों को एनालाइज करता है फेस रिकग्निशन सिस्टम, नहीं होता फर्जीवाड़ा
एक खबर के मुताबिक यह ड्यूल वेरिफिकेशन प्रक्रिया सुनिश्चित करती है कि आवेदन करने वाला व्यक्ति वही है जो परीक्षा में उपस्थित होता है। अधिकारी ने आगे कहा कि पुरानी फोटो अब स्वीकार नहीं की जाएंगी। चेहरे का बायोमेट्रिक वेरिफिकेशन सिस्टम आंखों के बीच की दूरी या नाक के आकार जैसे विशिष्ट चेहरे के लक्षणों का विश्लेषण करती है और एआई-आधारित प्रणालियों के माध्यम से उन्हें संग्रहीत डेटा से मिलान करती है। रियल-टाइम फोटो कैप्चर का मकसद असल अभ्यर्थी के स्थान पर दूसरे के परीक्षा देने और और अनुचित साधनों के उपयोग को रोकना है।

पेपर लीक के कथित मामलों के बाद बढ़ी निगरानी के बीच ये कदम उठाए जा रहे हैं। ये उपाय केंद्र सरकार द्वारा राष्ट्रीय स्तर की प्रवेश परीक्षाओं के संचालन की समीक्षा के लिए गठित राधाकृष्णन समिति की सिफारिशों पर आधारित हैं।

अगले साल से नीट यूजी नए पाठ्यक्रम से होगी
अगले साल से नीट यूजी परीक्षा नए पाठ्यक्रम से होगी। नए सिलेबस में भौतिकी, रसायन और जीव विज्ञान के 11-12वीं के कोर पाठ्यक्रम पर फोकस किया गया है। विशेषज्ञों का मानना है कि नए पाठ्यक्रम से उन उम्मीदवारों को फायदा होने की उम्मीद है, जो इन विषयों की गहरी समझ रखते हैं। वहीं, कोचिंग से रटने वाले उम्मीदवारों को नया सिलेबस हतोत्साहित करेगा। राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग (एनएमसी) ने तीनों विषय के नए सिलेबस का ब्योरा अपनी वेबसाइट पर उपलब्ध कराया है। एनएमसी के अंडरग्रेजुएट मेडिकल एजुकेशन बोर्ड ने नए सिलेबस के हिसाब से छात्रों को पाठ्यसामग्री उपलब्ध कराने को कहा है।

एनडीए सरकार द्वारा 2017 में स्थापित एनटीए भारत में 15 प्रमुख प्रवेश परीक्षाओं का संचालन करता है जिनमें नीट-यूजी, जेईई मेन, सीयूईटी यूजी, यूजीसी सीएसआईआर नेट और यूजीसी नेट आदि शामिल हैं।

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