
नई दिल्ली । बिहार विधानसभा चुनाव(Bihar Assembly Elections) की तैयारियां तेज हैं और अगले महीने के अंत तक ऐलान की संभावना है। यही नहीं चुनाव आयोग(election Commission) से सूत्रों का कहना है कि इसके साथ ही जम्मू-कश्मीर (Jammu and Kashmir)की दो विधानसभा सीटों(Assembly seats) के उपचुनाव भी घोषित किए जा सकते हैं। केंद्र शासित प्रदेश में बीते साल ही चुनाव हुए थे, लेकिन सीएम उमर अब्दुल्ला दो सीटों से मैदान में उतरे थे। वह दोनों सीटों से जीत गए थे और गांदरबल से ही विधायक बने रहने का फैसला लिया, जबकि बडगाम सीट छोड़ दी थी। तब से ही गांदरबल की सीट खाली है। इसके अलावा नगरोटा विधानसभा के विधायक देवेंदर सिंह राणा का निधन हो गया था, जिसके चलते यह सीट भी खाली है।
ऐसे में करीब एक साल बाद इन दोनों सीटों पर आयोग चुनाव कराने की तैयारी में है। जनप्रतिनिधित्व कानून के सेक्शन 151A के तहत किसी सीट के खाली होने पर 6 महीने के अंदर चुनाव होने चाहिए। यदि ऐसा ना हो पाए तो केंद्र सरकार की सलाह पर इसे अतिरिक्त 6 महीने के लिए टाला जा सकता है। इसके लिए कारण भी बताना होता है कि इन चुनावों को क्यों टाला जा रहा है। पहले दिल्ली विधानसभा चुनाव के साथ ही यहां मतदान कराने की तैयारी थी, लेकिन ऐसा नहीं हो सका। फिर पहलगाम आतंकी हमले के चलते ये टलते रहे और अब बिहार इलेक्शन के साथ ही यहां भी वोटिंग कराने का प्लान है।
इसके अलावा जल्दी ही राज्यसभा की 4 सीटों पर भी चुनाव कराए जा सकते हैं। ये चुनाव भी लंबे समय से अटके हुए हैं। इन सीटों का प्रतिनिधित्व करने वाले 4 सांसदों का कार्यकाल फरवरी 2021 में ही समाप्त हो गया था, लेकिन अब तक चुनाव का इंतजार है। इन सांसदों में कांग्रेस के सीनियर नेता गुलाम नबी आजाद भी शामिल थे। फिलहाल वह किसी भी सदन के सदस्य नहीं हैं और कांग्रेस से भी उन्होंने दूरी बना ली है। ऐसे में देखना होगा कि राज्यसभा सीटों के चुनाव में किसकी ओर से किसे उतारा जाता है। फिलहाल भाजपा और उमर अब्दुल्ला की पार्टी नेशनल कॉन्फ्रेंस ही राज्यसभा में जीत हासिल करने की स्थिति में हैं।
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