
डेस्क: नेपाल (Nepal) में हिंदू राष्ट्र (Hindu Nation) की मांग को लेकर प्रदर्शन तेज हो गए हैं. राजशाही और हिंदू राष्ट्र की मांग को लेकर हो रहे आंदोलन (Agitation) को बढ़ता देख ओली सरकार (Oli Government) एक्शन में आ गई है और इन आंदोलनों को कुचलने की तैयारी शुरू कर दी है. देश भर में बड़े पैमाने पर गिरफ्तारियां करने की तैयारी हैं. गिरफ्तारी के डर से नेता आंदोलन में शामिल कई नेता अंडरग्राउंड (Leaders Underground) हो गए हैं.
आंदोलन में शामिल 61 लोगों पर सरकार ने मुकदमा दर्ज किया है. नेपाल की सड़कों पर राजशाही की बहाली और हिंदू राष्ट्र की मांग को लेकर उठती आवाज अब सरकार को बर्दाश्त नहीं हैं, बीते पांच दिनों से जारी इस आंदोलन के तेज होने से सत्ता के गलियारों में बेचैनी पैदा हो गई है. अब नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली की सरकार ने इस आंदोलन को दबाने की तैयारी कर ली है.
प्रदर्शनों को देखते हुए राजधानी काठमांडू के रिंग रोड क्षेत्र को दो महीने के लिए प्रतिबंधित घोषित कर दिया गया है. ताकि यहां कोई प्रदर्शन न हो सके. वहीं, राजशाही आंदोलन में शामिल राष्ट्रीय प्रजातंत्र पार्टी (RPP) के दो शीर्ष नेता रवींद्र मिश्र और धवल शमशेर राणा समेत 61 लोगों पर सरकार ने मुकदमा भी दर्ज किया गया है. सभी 61 लोगों पर देश के खिलाफ अपराध, अशांति फैलाने और संगठित अपराध जैसे गंभीर आरोपों में केस दर्ज हुआ है.
मुकदमे के बाद पुलिस नेताओं को गिरफ्तार करने के लिए तलाश कर रही है. मिश्र और राणा व अन्य बड़े नेता ओली सरकार की कार्रवाई से बचने के लिए अंडरग्राउंड हो चुके हैं. आंदोलन के खिलाफ ओली की पार्टी समेत तीनों बड़े दल एकजुट हो गए हैं और किसी भी हाल में हिंदू राष्ट्र और राजशाही को वापस आने नहीं देना चाहते हैं. पीएम ओली की सीपीएन-यूएमएल, नेपाली कांग्रेस व माओवादी केंद्र तीनों दलों ने मिलकर आंदोलन का मुकाबला करने का ऐलान किया है. वहीं कई हिंदू वादी संगठन और राजशाही समर्थक प्रदर्शनों में हिस्सा ले रहे हैं.
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