
डेस्क: मिडिल ईस्ट (Middle East) एक बार फिर उबाल पर है. पहले इजराइल (Israel) और ईरान (Iran) के बीच 12 दिनों तक युद्ध चला, अब इजराइल के ‘डेविड कॉरिडोर’ (David Corridor) प्लान ने सीरिया के भीतर उथल-पुथल मचा दी है. तुर्की, ईरान और अन्य देश इसे लेकर गंभीर चिंता जता रहे हैं, क्योंकि यह योजना सीरिया के टुकड़े करने की ओर इशारा करती है.
इजराइल के इस कथित प्लान के पीछे सबसे बड़ी चिंता ये है कि वो ‘ग्रेटर इजराइल’ का सपना पूरा करने की ओर बढ़ रहा है. हालांकि इजराइल ने इस योजना की आधिकारिक पुष्टि नहीं की है, लेकिन उसके सैन्य कदम और रणनीतिक गतिविधियां इस विचार को बल दे रही हैं.
खबर के मुताबिक डेविड कॉरिडोर एक रणनीतिक रास्ता है, जो इजराइल को सीरिया के दक्षिण में ड्रूज़ आबादी वाले इलाकों से जोड़ता है और वहां से सीधा उत्तरी सीरिया के कुर्द इलाकों तक पहुंच बनाता है. यानी इजराइल एक ऐसा बेल्ट बनाना चाहता है जिससे वह सीरिया के भीतर एक स्थायी प्रभाव स्थापित कर सके. इस योजना को कई जानाकर ग्रेटर इजराइल के विचार से जोड़ते हैं. एक ऐसा विचार जिसमें इजराइल की सीमाएं नील नदी से लेकर यूफ्रेट्स तक फैली हुई बताई जाती हैं.
सूत्रों के मुताबिक इजराइल की दलील है कि वो सिर्फ अपनी सीमाओं की सुरक्षा चाहता है, खासकर सीरिया में मौजूद ईरानी समर्थित समूहों से. इजराइल के प्रधानमंत्री नेतन्याहू कई बार कह चुके हैं कि वे उत्तरी सीमा पर किसी भी शत्रुतापूर्ण ताकत को बर्दाश्त नहीं करेंगे. वहीं, ड्रूज़ समुदाय को समर्थन देने की बात भी कही गई है. लेकिन आलोचकों का मानना है कि इजराइल का असली मकसद सीरिया की सत्ता को कमजोर करना है ताकि वहां पर छोटे-छोटे स्वतंत्र या अर्ध-स्वतंत्र क्षेत्र बन सकें जिनमें से कुछ इजराइल के सहयोगी भी हो सकते हैं.
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