
इंदौर (Indore)। स्मार्ट मीटर के बाद प्रीपेड बिजली की कवायद के चलते विद्युत नियामक आयोग ने दावे-आपत्ति भी बुलाए थे, जिन पर सुनवाई 10 अक्टूबर से शुरू होगी। राज्य में प्रीपेड बिजली व्यवस्था की तैयारी की जा रही है। इसके लिए मप्र बिजली नियामक आयोग ने सूचना जारी की थी। इस सूचना के तहत नागरिक या उपभोक्ताओं ने सुझाव, आपत्ति या प्रतिक्रिय़ा आयोग तक पहुंचाए है। यदि प्रीपेड व्यवस्था लागू होती है, तो प्रति यूनिट बिजली उपयोग पर पच्चीस पैसे की छूट मिलेगी। प्रारंभ में सिर्फ निम्नदाब यानि एलटी पर ही प्रीपेड व्यवस्था लागू करने की कवायद प्रारंभ की गई है। उपभोक्ताओं को प्रोविजनल बिल के आधार पर रिचार्ज करते रहना होगा। फायनल बिल में दर्ज राशि उपभोक्ता के बैलेंस में जोड़ या घटा ली जाएगी।
शुरुआत चुनिंदा शहरों में
प्रदेश में लगातार बिजली चोरी रोकना कंपनियों के लिए आज के दौर में भी सिर दर्द बना हुआ है। प्रीपेड बिजली व्यवस्था में काफी हद तक बिजली चोरी पर लगाम रहेगी, लेकिन पूरे प्रदेश में एक साथ लागू नहीं किया जा सकता, इसलिए प्रायोगिक तौर पर चुनिंदा बड़े शहरों या कस्बों के कुछ झोन से इसकी शुरुआत की जा सकेगी।
स्मार्ट मीटर रहेंगे कारगर
प्रीपेड बिजली व्यवस्था में स्मार्ट मीटर की बड़ी भूमिका रहेगी, क्योंकि प्रीपेड बिजली के लिए नए मीटर एक साथ पूरे प्रदेश में नहीं लगाए जा सकते, लेकिन जहां-जहां स्मार्ट मीटर कंपनी क्षेत्र में लगे हैं, वहां पर इनकी शुरुआत करना आसान हो जाएगा। इंदौर शहर में तकरीबन 2 लाख स्मार्ट मीटरधारक उपभोक्ताओ की संख्या पहुंच रही है।
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