
नई दिल्ली । राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू (President Draupadi Murmu) ने उपराष्ट्रपति पद से (From the post of Vice President) जगदीप धनखड़ का इस्तीफा (Resignation of Jagdeep Dhankhad) स्वीकार किया (Accepted) । यह चिट्ठी गृह मंत्रालय (एमएचए) को भेज दी गई है। जल्द ही इस पर आधिकारिक नोटिफिकेशन जारी किया जाएगा ।
यह घोषणा मंगलवार को राज्यसभा की कार्यवाही के दौरान हुई, जब भाजपा सांसद घनश्याम तिवारी, जो उस समय सभापति की कुर्सी पर थे, ने बताया कि उपराष्ट्रपति धनखड़ का इस्तीफा स्वीकार कर लिया गया है। उन्होंने कहा कि गृह मंत्रालय ने बताया है कि भारत के उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने संविधान के अनुच्छेद 67ए के तहत तुरंत प्रभाव से अपने पद से इस्तीफा दे दिया है।
भारत के 14वें उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने सोमवार को स्वास्थ्य संबंधी चिंताओं का हवाला देते हुए उपराष्ट्रपति पद से इस्तीफा दे दिया। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को लिखे एक पत्र में उन्होंने कहा कि वह स्वास्थ्य को प्राथमिकता देते हुए तत्काल प्रभाव से पद छोड़ रहे हैं। 16 जुलाई 2022 को भाजपा ने एनडीए की ओर से धनखड़ को उपराष्ट्रपति पद का उम्मीदवार घोषित किया था। 6 अगस्त 2022 को हुए चुनाव में उन्होंने विपक्ष की उम्मीदवार मार्गरेट अल्वा को 528 में से 710 वोट पाकर बड़े अंतर से हराया था। यह 1992 के बाद सबसे बड़ा जीत का अंतर था।
उपराष्ट्रपति रहते हुए धनखड़ राज्यसभा के सभापति भी थे। उन्होंने कई अहम विधायी सत्रों का संचालन किया और नियमों का कड़ाई से पालन करवाने के लिए जाने गए। उनके इस सख्त, लेकिन निष्पक्ष रवैये के कारण उन्हें सभी दलों में सम्मान और विरोध दोनों मिला।
धनखड़ एक अनुभवी राजनेता और संविधान विशेषज्ञ माने जाते हैं। पिछले एक साल में उनकी तबीयत कई बार खराब हुई थी और उन्हें अस्पताल में भर्ती होना पड़ा था, हाल ही में नैनीताल में भी उनका इलाज हुआ था। उनकी बीमारी का सही कारण सार्वजनिक नहीं किया गया है। उनके इस्तीफे के बाद अब देश में नए उपराष्ट्रपति के चुनाव की प्रक्रिया शुरू होगी, क्योंकि उपराष्ट्रपति राज्यसभा के सभापति भी होते हैं और यह पद ज्यादा समय तक खाली नहीं रह सकता।
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