
नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश (UP) के प्रयागराज में बुधवार तड़के महाकुंभ (Maha Kumbh) के दौरान हुई भगदड़ (stampede) की घटना पर राष्ट्रपति (President) द्रौपदी मुर्मू ( Draupadi Murmu) ने दुख व्यक्त किया है। उन्होंने इसे अत्यंत दुखद घटना बताया और हताहत हुए श्रद्धालुओं के परिवारों के प्रति शोक-संवेदना व्यक्त की। राष्ट्रपति मुर्मू ने घायल श्रद्धालुओं के शीघ्र स्वस्थ होने की प्रार्थना की। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर एक पोस्ट में राष्ट्रपति मुर्मू ने कहा, ‘प्रयागराज महाकुंभ में भगदड़ की घटना अत्यंत दुखद है। मैं हताहत हुए श्रद्धालुओं के परिवारजनों के प्रति शोक-संवेदना व्यक्त करती हूं और ईश्वर से प्रार्थना करती हूं कि घायल हुए सभी श्रद्धालु शीघ्र ही स्वस्थ हों।’
प्रयागराज महाकुंभ में भगदड़ की घटना अत्यंत दुखद है। मैं हताहत हुए श्रद्धालुओं के परिवारजनों के प्रति शोक-संवेदना व्यक्त करती हूं और ईश्वर से प्रार्थना करती हूं कि घायल हुए सभी श्रद्धालु शीघ्र ही स्वस्थ हों।
— President of India (@rashtrapatibhvn) January 29, 2025
पीएम नरेंद्र मोदी ने भी X पर किया पोस्ट
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी महाकुंभ के दौरान हुई भगदड़ की घटना को ‘अत्यंत दुखद’ करार दिया। पीएम मोदी ने लोगों की मौत पर संवेदना जताते हुए कहा कि उन्होंने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से बात की है और वह लगातार राज्य सरकार के संपर्क में हैं। उन्होंने X पर एक पोस्ट में कहा, ‘प्रयागराज महाकुंभ में हुआ हादसा अत्यंत दुखद है। इसमें जिन श्रद्धालुओं ने अपने परिजनों को खोया है, उनके प्रति मेरी गहरी संवेदनाएं। इसके साथ ही मैं सभी घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करता हूं।’ PM मोदी ने कहा कि स्थानीय प्रशासन पीड़ितों की हरसंभव मदद में जुटा हुआ है।
10 करोड़ लोगों के डुबकी लगाने की संभावना
बता दें कि मौनी अमावस्या पर अमृत स्नान महाकुंभ का सर्वाधिक महत्वपूर्ण आयोजन होता है और इसमें करीब 10 करोड़ लोगों के गंगा में डुबकी लगाने की संभावना है। आधी रात के बाद लगभग 2 बजे कुंभ मेला क्षेत्र में लाउडस्पीकर से गूंजते मंत्रों और श्लोकों के निरंतर उच्चारण के बीच भगदड़ जैसे हालात पैदा होने के बाद संगम की ओर दौड़ती एम्बुलेंस और पुलिस वाहनों के तेज सायरन की आवाजें गूंज उठीं। घायलों को मेला क्षेत्र में बने केंद्रीय अस्पताल में ले जाया गया। ऐसी मान्यता है कि महाकुंभ के दौरान और विशेषकर मौनी अमावस्या जैसी विशेष स्नान तिथियों पर त्रिवेणी संगम में डुबकी लगाने से लोगों के पाप धुल जाते हैं और उन्हें मोक्ष मिलता है।
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