
नई दिल्ली । राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू (President Draupadi Murmu) ने राज्यसभा के लिए (For Rajya Sabha) 4 नए सदस्यों को मनोनीत किया (Nominated 4 New Members) ।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने संविधान के अनुच्छेद 80 के खंड (1) के उप-खंड (ए) और खंड (3) के तहत प्रदत्त शक्तियों का उपयोग करते हुए राज्यसभा के लिए इन सदस्यों को नामित सदस्यों की सेवानिवृत्ति के कारण रिक्त हुए स्थानों को भरने के लिए मनोनीत किया । गृह मंत्रालय की ओर से जारी अधिसूचना (एस.ओ. 3196(ई) के अनुसार, नामित सदस्यों में उज्ज्वल देवराव निकम, सी. सदानंदन मास्टर, हर्षवर्धन श्रृंगला और डॉ. मीनाक्षी जैन का नाम शामिल हैं। इन नियुक्तियों का उद्देश्य राज्यसभा में विभिन्न क्षेत्रों के विशेषज्ञों और प्रख्यात व्यक्तियों का प्रतिनिधित्व सुनिश्चित करना है, जैसा कि संविधान में प्रावधान किया गया है।
संविधान के अनुच्छेद 80 के तहत, राष्ट्रपति को कला, साहित्य, विज्ञान, सामाजिक सेवा और अन्य क्षेत्रों में विशेष योगदान देने वाले व्यक्तियों को राज्यसभा में नामित करने का अधिकार है। ये नियुक्तियां संसद के उच्च सदन में विविध दृष्टिकोण और विशेषज्ञता को शामिल करने के लिए महत्वपूर्ण मानी जाती हैं। नामित सदस्यों की भूमिका विधायी चर्चाओं में महत्वपूर्ण योगदान देने और राष्ट्रीय हित के मुद्दों पर विचार-विमर्श को समृद्ध करने की होती है।
उज्ज्वल देवराव निकम, सी. सदानंदन मास्टर, हर्ष वर्धन श्रृंगला और डॉ. मीनाक्षी जैन अपने-अपने क्षेत्रों में उल्लेखनीय कार्य के लिए जाने जाते हैं। विशेष रूप से, हर्ष वर्धन श्रृंगला की नियुक्ति को उनके कूटनीतिक अनुभव के आधार पर महत्वपूर्ण माना जा रहा है, जबकि डॉ. मीनाक्षी जैन इतिहास और संस्कृति के क्षेत्र में अपने विद्वत्तापूर्ण योगदान के लिए जानी जाती हैं। वहीं निकम को अजमल कसाब के खिलाफ केस लड़ने के लिए जाना जाता है। उन्होंने 26/11 मुंबई आतंकी वारदात के एकमात्र जिंदा पकड़े गए कसाब के लिए सजा ए मौत के लेकर जबरदस्त पैरवी की थी।
इन नए नामित सदस्यों से अपेक्षा की जा रही है कि वे राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर अपनी विशेषज्ञता के साथ संसद में सकारात्मक योगदान देंगे। यह कदम सरकार की उस प्रतिबद्धता को भी दर्शाता है, जिसमें विविध क्षेत्रों के विशेषज्ञों को विधायी प्रक्रिया में शामिल करने पर जोर दिया गया है।
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