
गयाजी । राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू (President Draupadi Murmu) ने बिहार के गयाजी में (In Gayaji Bihar) अपने पूर्वजों की आत्मा की शांति और मोक्ष प्राप्ति के लिए (For the peace of Souls of her ancestors and attainment of Salvation) पिंडदान किया (Performed Pind Daan) ।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू गया अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट पर विशेष विमान से पहुंची। इसके बाद सड़क मार्ग से विष्णुपद मंदिर पहुंची। गया हवाई अड्डा पहुंचने पर बिहार के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान और केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी ने उनका स्वागत किया। राष्ट्रपति के पिंडदान के लिए जिला प्रशासन के जरिए विष्णुपद मंदिर परिसर में ही विशेष व्यवस्था की गई थी और सुरक्षा के पुख्ता प्रबंध किए गए थे। गयापाल पुरोहित राजेश लाल कटरियाल ने वैदिक क्रियाओं के साथ कर्मकांड कराया। उन्होंने पूरे विधि विधान के साथ पिंडदान किया। राष्ट्रपति के आगमन को लेकर विष्णुपद मंदिर और आसपास के इलाकों में कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की गई थी।
उल्लेखनीय है कि शुक्रवार को प्रसिद्ध व्यवसायी मुकेश अंबानी भी अपने परिवार के अन्य सदस्यों के साथ गयाजी पहुंचे थे और अपने पूर्वजों की आत्मा की शांति और मोक्ष की प्राप्ति को लेकर पिंडदान किया था। प्रत्येक वर्ष पितृपक्ष में बड़ी संख्या में श्रद्धालु सनातन धर्म की परंपराओं के अनुसार अपने पितरों के मोक्ष तथा शांति के लिए पिंडदान करने के लिए गयाजी आते हैं। यहां विष्णुपद मंदिर, फल्गु नदी, अक्षय वट एवं अन्य कई पवित्र स्थानों पर स्थित वेदियों पर श्रद्धापूर्वक पूजा-अर्चना की जाती है।
मान्यता है कि मृत्यु के पश्चात मनुष्य की आत्मा इस भौतिक जगत में ही विचरण करती रहती है। केवल शरीर नष्ट होता है, आत्मा अमर रहती है। यदि व्यक्ति का परिवार पिंडदान करता है, तो उस आत्मा को इस लोक से मुक्ति मिलती है और वह सदैव के लिए बंधनों से मुक्त हो जाती है। पितृपक्ष में देश-विदेश से हजारों पिंडदानी अपने पितरों की मोक्ष प्राप्ति के लिए गयाजी पहुंचते हैं। पिंडदानियों और श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए जिला प्रशासन और पर्यटन विभाग की ओर से व्यापक तैयारी की गई है। पितृपक्ष मेला 21 सितंबर तक चलेगा।
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