
नई दिल्ली। भारत विश्व का सबसे बड़ा लोकतंत्र (India is the world’s largest democracy) है. 26 जनवरी को भारत धूमधाम से अपने लोकतंत्र का त्योहार मनाएगा. समस्त देशवासियों (all countrymen) में 26 जनवरी को लेकर उत्साह है. राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने 75वें गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर गुरुवार (24 जनवरी) को राष्ट्र को संबोधित करते हुए कहा मैं देश को शुभकामनाएं देती हूं. कल के दिन हम संविधान के प्रारंभ का उत्सव मनाएंगे. संविधान की प्रस्तावना हम लोग से शुरू होती है. ये शब्द हमारे संविधान के मूल भाव को रेखांकित करते हैं. लोकतांत्रिक व्यवस्था पश्चिमी लोकतंत्र की अवधारणा से कहीं अधिक पुरानी है, इसीलिए भारत को ‘लोकतंत्र की जननी’ कहा जाता है.
उन्होंने आगे कहा कि हमारा देश स्वतंत्रता की शताब्दी की ओर बढ़ते हुए अमृत काल के प्रारंभिक दौर से गुजर रहा है. हमारे गणतंत्र का पचहत्तरवां वर्ष कई अर्थों में, देश की यात्रा में एक ऐतिहासिक पड़ाव है. राष्ट्रपति ने कहा कि भारत चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर पहुंचने वाला पहला देश बना. हमें अपने वैज्ञानिकों और प्रौद्योगिकी विशेषज्ञों पर सदैव गर्व रहा है, लेकिन अब ये पहले से कहीं अधिक ऊंचे लक्ष्य तय कर रहे हैं और उनके अनुरूप परिणाम भी हासिल कर रहे हैं. उन्होंने आगे कहा कि नारी शक्ति वंदन अधिनियम’, महिला सशक्तीकरण का एक क्रांतिकारी माध्यम सिद्ध होगा.
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