
न्यूयॉर्क । इजरायल (Israel) के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू (Prime Minister Benjamin Netanyahu) को शुक्रवार को संयुक्त राष्ट्र महासभा (United Nations General Assembly) में दिए गए अपने भाषण के दौरान भारी विरोध और वॉकआउट का सामना करना पड़ा। गाजा पर जारी हमलों को “अंत तक ले जाने” की प्रतिबद्धता जताते हुए उन्होंने कहा कि इजरायल को हमास के खिलाफ “काम पूरा करना ही होगा।” हालांकि नेतन्याहू के भाषण के दौरान सभागार में मिली-जुली प्रतिक्रियाएं देखने को मिलीं- कुछ प्रतिनिधियों ने तालियां बजाईं तो कई सदस्य विरोध के चलते बाहर चले गए।
भाषण शुरू होने से पहले ही कई से अधिक देशों के सैकड़ों राजनयिकों ने सभागार को खाली कर दिया। जिससे नेतन्याहू को लगभग खाली हॉल में बोलना पड़ा। यह घटना इजरायल-फिलिस्तीन संघर्ष के बीच वैश्विक अलगाव को उजागर करती है, जहां पश्चिमी देशों द्वारा फिलिस्तीनी देश को मान्यता देने का निर्णय नेतन्याहू के लिए नया झटका साबित हुआ।
महासभा में विरोध और खाली कुर्सियां
अमेरिका और ब्रिटेन के लिए आवंटित सीटों पर वरिष्ठ राजदूतों या अधिकारियों के बजाय निम्न-स्तरीय कूटनीतिज्ञ मौजूद थे। कई सीटें खाली थीं, और ईरान की खाली कुर्सियों के पास उन बच्चों की तस्वीरें रखी गई थीं, जिनके बारे में तेहरान ने दावा किया कि वे जून में इजरायल के युद्ध के दौरान मारे गए थे। हॉल में अस्पष्ट नारे गूंज रहे थे, जबकि गैलरी में मौजूद समर्थकों से तालियां भी मिलीं। कुछ प्रतिनिधियों ने फिलिस्तीनी केफिया (सिर पर बांधा जाने वाला पारंपरिक कपड़ा) पहन रखा था।
बंधकों को संदेश
अपने भाषण में नेतन्याहू ने दावा किया कि उनका भाषण गाजा में लगे लाउडस्पीकर्स के जरिए और “अभूतपूर्व अभियान” के तहत लोगों के मोबाइल फोन पर भी प्रसारित किया जा रहा है। उन्होंने कहा, “हमने आपको एक सेकंड के लिए भी नहीं भुलाया। इजरायल की जनता आपके साथ है।” हमास को संबोधित करते हुए उन्होंने चेतावनी दी, “अपने हथियार डाल दो। मेरे लोगों को जाने दो। अगर ऐसा करोगे तो बचोगे, वरना इजरायल तुम्हें ढूंढ-ढूंढकर मारेगा।”
पश्चिमी देशों और फिलिस्तीनी मान्यता पर निशाना
नेतन्याहू ने पश्चिमी देशों की आलोचना की और कहा कि कुछ “पश्चिमी नेता दबाव में झुक गए हैं,” लेकिन इजरायल झुकेगा नहीं। उन्होंने उन देशों के फैसले को “शर्मनाक” बताया जिन्होंने फिलिस्तीन को देश का दर्जा दिया है। उनके अनुसार, यह निर्णय “आतंकवाद को बढ़ावा देगा और निर्दोषों के खिलाफ हिंसा को प्रोत्साहित करेगा।”
विजुअल एड्स और प्रचार के प्रयास
नेतन्याहू ने संयुक्त राष्ट्र में अपने पिछले भाषणों की तरह इस बार भी विजुअल एड्स का इस्तेमाल किया। उन्होंने एक नक्शा दिखाया, जिसका शीर्षक था “द कर्स” (THE CURSE), जो इजरायल के पड़ोस में उसकी चुनौतियों को दर्शाता था। उन्होंने इसे मार्कर से चिह्नित किया। इसके अलावा, उन्होंने एक पिन पहना था, जिसमें 7 अक्टूबर, 2023 को हमास के हमले और इजरायली बंधकों के बारे में जानकारी देने वाले वेबसाइट का क्यूआर कोड था।
ट्रंप का कड़ा बयान
इसी बीच, अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने स्पष्ट किया कि वह वेस्ट बैंक के विलय की अनुमति नहीं देंगे। उन्होंने कहा, “मैं इजरायल को वेस्ट बैंक मिलाने की इजाजत नहीं दूंगा। नहीं, ऐसा नहीं होगा। अब बहुत हो चुका। अब रुकने का समय है।” नेतन्याहू के खिलाफ, पूर्व रक्षा मंत्री योआव गैलेंट के साथ, अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायालय (ICC) में युद्ध अपराधों के आरोप दर्ज हैं। संयुक्त राष्ट्र मंच पर उनका यह भाषण अंतरराष्ट्रीय आलोचना का जवाब देने का प्रयास माना जा रहा है।
विरोध प्रदर्शन
नेतन्याहू के भाषण के समानांतर न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय से कुछ ही ब्लॉक दूर सैकड़ों लोग फिलिस्तीन समर्थक प्रदर्शन में जुटे। “पैलेस्टिनियन यूथ मूवमेंट” से जुड़ी निदा लाफी ने कहा, “इजरायल ने दुनिया के हर संवेदनशील इंसान के खिलाफ युद्ध छेड़ दिया है।” उन्होंने आरोप लगाया कि यह संघर्ष हमेशा से “फिलिस्तीन की पूरी तरह से जातीय सफाई, जमीन हड़पने और शोषण” के लिए था। भीड़ ने “शेम-शेम” के नारे लगाए।
“दूसरे देशों की लड़ाई भी लड़ रहा है इजरायल”
अपने भाषण के अंत में नेतन्याहू ने दावा किया कि इजरायल सिर्फ अपनी सुरक्षा के लिए नहीं बल्कि कट्टरपंथी इस्लाम के खिलाफ पूरी दुनिया की ओर से लड़ रहा है। उन्होंने कहा, “आप सबके दिल की गहराइयों में यह सच है कि इजरायल आपकी लड़ाई लड़ रहा है।”
©2025 Agnibaan , All Rights Reserved