
लंदन । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) ने भारत और ब्रिटेन के बीच फ्री ट्रेड एग्रीमेंट (Free Trade Agreement between India and Britain) को ऐतिहासिक बताया (Called Historic) । प्रधानमंत्री मोदी और ब्रिटेन के प्रधानमंत्री कीर स्टार्मर की मौजूदगी में गुरुवार को लंदन में एग्रीमेंट पर दस्तखत हुए। इसे लेकर दोनों देशों के बीच 3 साल से बातचीत चल रही थी।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, “आज हमारे संबंधों में एक ऐतिहासिक दिन है। मुझे खुशी है कि कई वर्षों की कड़ी मेहनत के बाद, आज हमारे दोनों देशों ने व्यापक आर्थिक और व्यापार समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं।” भारत-यूके द्वारा मुक्त व्यापार समझौते पर हस्ताक्षर करने के बाद, ब्रिटिश प्रधानमंत्री कीर स्टारमर ने कहा, “यह एक ऐसा समझौता है जिससे दोनों देशों को भारी लाभ होगा, वेतन में वृद्धि होगी, जीवन स्तर में सुधार होगा और कामकाजी लोगों की जेब में अधिक पैसा आएगा। यह नौकरियों के लिए अच्छा है, यह व्यापार के लिए अच्छा है, टैरिफ में कटौती करेगा और व्यापार को सस्ता, तेज़ और आसान बनाएगा।”
अधिकारियों ने कहा कि एफटीए के लागू होने पर 99 प्रतिशत भारतीय निर्यात पर ब्रिटेन में शुल्क नहीं लगेगा। इससे पहले ब्रिटेन के प्रधानमंत्री कीर स्टार्मर ने बृहस्पतिवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अपने आधिकारिक आवास ‘चेकर्स’ में मेजबानी की। दोनों नेताओं ने वार्ता से पहले अकेले में बातचीत की। यूके से फ्री ट्रेड डील के बाद पीएम मोदी ने संवाददाताओं से कहा कि हम यूके सरकार और प्रधानमंत्री कीर स्टार्मर का धन्यवाद देते हैं कि उन्होंने पहलगाम आतंकी हमले की कड़ी निंदा की और वादा किया है कि वह आतंकवाद के खिलाफ भारत के साथ खड़ा है। पीएम मोदी ने कहा कि इस डील से दोनों देशों के बीच न सिर्फ संबंध मजबूत होंगे, बल्कि नौकरियां भी बढ़ेगी। यूके से आने वाले सामान सस्ते होंगे, निर्यात बढ़ेगा और देश की अर्थव्यवस्था मजबूत होगी। इस डील से दो लोकतांत्रिक देशों में वैश्विक स्थिरता और समृद्धि को भी बल देंगे। पीएम मोदी ने आगे कहा कि फ्री ट्रेड डील के अलावा यूके के 6 विवि भारत में कैंपस खोल रहे हैं। पिछले हफ्ते ही गुरुग्राम में एक कैंपस का उद्घाटन हुआ है।
भारत के लिए यह डील कई मायनों में गेमचेंजर मानी जा रही है। समझौते के तहत भारतीय निर्यातकों को 99% उत्पादों पर ब्रिटेन में ड्यूटी-फ्री एंट्री मिलेगी। इससे लगभग 23 अरब डॉलर के व्यापार अवसर खुलने का अनुमान है। इससे भारत के श्रम-प्रधान क्षेत्रों जैसे कपड़ा, चमड़ा, जूते, गहने, खिलौने और समुद्री उत्पादों में काम करने वाले कारीगरों, बुनकरों और दैनिक मजदूरों को सीधा फायदा होगा। एमएसएमई सेक्टर की लाखों इकाइयों को भी इसका लाभ मिलेगा। इस समझौते से 95% कृषि उत्पाद अब बिना किसी शुल्क के ब्रिटेन में निर्यात किए जा सकेंगे। वहीं, मछुआरों को 99% समुद्री उत्पादों पर शून्य शुल्क मिलने से उनकी आमदनी में बढ़ोतरी होने की उम्मीद है।
एफटीए के जरिए महिलाएं वैश्विक वैल्यू चेन से बेहतर ढंग से जुड़ सकेंगी और उन्हें फाइनेंस तक आसान पहुंच मिलेगी। भारत के स्टार्टअप्स को ब्रिटेन के इनोवेशन हब, निवेशकों और उपभोक्ताओं तक पहुंच का बड़ा अवसर मिलेगा। भारतीय आईटी पेशेवरों, एजुकेशन एक्सपर्ट्स और सर्विस सेक्टर से जुड़े लोगों के लिए यूके का हाई-वैल्यू मार्केट अब और अधिक सुलभ होगा। इसके साथ ही भारत और ब्रिटेन के बीच हुए ‘डबल कंट्रब्यूशन कंवेंशन’ के तहत भारतीय कर्मचारियों को यूके में 3 साल तक सोशल सिक्योरिटी योगदान से छूट मिलेगी। इससे कंपनियों और कर्मचारियों दोनों को लाभ होगा।
इंजीनियरिंग, इलेक्ट्रॉनिक्स, फार्मा, केमिकल, फूड प्रोसेसिंग और प्लास्टिक जैसे क्षेत्रों में भी बड़ा बदलाव देखने को मिलेगा। भारत में उपभोक्ताओं को अब उच्च गुणवत्ता वाले विदेशी उत्पाद और भी सस्ते दामों पर उपलब्ध होंगे। सरकार ने इस समझौते को ‘मेक इन इंडिया’ और ‘वोकल फॉर लोकल’ को बढ़ावा देने वाला बताया है। यह डील भारत के वैश्विक व्यापार नेतृत्व को और मजबूत करेगी और रोजगार सृजन में भी अहम भूमिका निभाएगी।
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