
नई दिल्ली । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) ने जापानी प्रधानमंत्री और उनकी पत्नी को (To the Japanese Prime Minister and his Wife) विशेष उपहार भेंट किए (Presented Special Gifts) । 15वें भारत-जापान वार्षिक शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए दो दिवसीय जापान यात्रा के दौरान भारत-जापान के बीच मैत्रीपूर्ण संबंधों और सांस्कृतिक जुड़ाव को और प्रगाढ़ बनाने के उद्देश्य से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जापान के प्रधानमंत्री और उनकी पत्नी को भारतीय परंपरा, कला और शिल्पकला की झलक से सजे विशेष उपहार भेंट किए।
ये उपहार भारत की समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर को दर्शाने के साथ-साथ जापान की परंपरा और जीवनशैली से भी जुड़ाव स्थापित करते हैं। प्रधानमंत्री मोदी ने जापान के प्रधानमंत्री को बेशकीमती पत्थरों और चांदी की चॉपस्टिक से बना बाउल सेट भेंट किया है। यह अनूठा सेट भारतीय शिल्पकला और जापानी खानपान परंपरा का संगम है। इसमें एक बड़ा भूरा मूनस्टोन बाउल, चार छोटे बाउल और चांदी की चॉपस्टिक्स शामिल हैं। इसका डिज़ाइन जापान की डोनबुरी और सोबा खाने की रस्मों से प्रेरित है।
इस बाउल में प्रयुक्त मूनस्टोन आंध्र प्रदेश से प्राप्त किया गया है, जो अपनी चमकदार आभा के लिए प्रसिद्ध है। मूनस्टोन प्रेम, संतुलन और संरक्षण का प्रतीक माना जाता है। वहीं, मुख्य बाउल का आधार राजस्थान के मकराना संगमरमर पर तैयार किया गया है और पर्चिनकारी शैली में अर्ध-कीमती पत्थरों की नक्काशी की गई है। यह शैली ताजमहल सहित भारत की कई ऐतिहासिक धरोहरों में दिखाई देती है।
इसके अलावा, प्रधानमंत्री मोदी ने जापानी प्रधानमंत्री की पत्नी को पश्मीना शॉल एक पेपर मेश बॉक्स में भेंट किया, जिसे कश्मीर के कारीगरों ने बारीकी से तैयार किया है। यह शॉल लद्दाख की चांगथांगी बकरी की ऊन से बनाई गई है, जो अपनी हल्की, मुलायम और गुणवत्ता के लिए पूरी दुनिया में प्रसिद्ध है। कश्मीरी कारीगरों द्वारा हाथ से बुनी गई इस शॉल में सदियों पुरानी परंपरा की झलक है, जिसे कभी शाही परिवार बहुत पसंद करते थे। शॉल का आधार हाथीदांत (आइवरी) रंग का है, जिस पर रस्ट, गुलाबी और लाल रंग में कोमल फूलों और पेसले पैटर्न की कढ़ाई की गई है। यह पारंपरिक कश्मीरी शिल्प और सदियों पुरानी बुनाई कला की झलक पेश करता है।
इस शॉल को एक हैंड-पेंटेड बॉक्स में सजाकर रखा गया है। इस बॉक्स पर हाथ से बनाए गए पुष्प और पक्षियों के चित्र हैं, जो इसकी सुंदरता और सांस्कृतिक महत्व को और बढ़ा देते हैं। इन उपहारों के माध्यम से प्रधानमंत्री मोदी ने भारत की विविध कला और शिल्पकला को अंतरराष्ट्रीय मंच पर प्रदर्शित किया है। इसके साथ ही उन्होंने भारत-जापान के बीच सांस्कृतिक और पारंपरिक रिश्तों को और मजबूत किया।
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