
उज्जैन। कोरोना जब पिक पर था तब जेल विभाग के आदेश थे कि नए कैदियों को 14 दिन के आईसोलेशन में रखा जाए लेकिन अभी भी वही स्थिति बनी हुई है। उल्लेखनीय है कि कोरोना महामारी की शुरुआत से लेकर अब तक लगभग 19 महीने बीत जाने के बाद भी कोरोना का संक्रमण का खतरा बना हुआ है। हाल ही में फिर से एक पॉजीटिव केस उज्जैन शहर में आ गया है। यही वजह है कि घरों से लेकर दफ्तरों तक तथा जेल में भी कोरोना गाइडलाइन का गंभीरता से पालन किया जा रहा है।
कोरोना गाइडलाइन के पालन में भैरवगढ़ जेल ने सभी को पीछे छोड़ दिया है। जेल सूत्रों के मुताबिक शुरुआत में जब जेल के प्रहरी और कैदी कोरोना संक्रमित होने लगे थे, तभी से जेल में गाइडलाइन का सख्ती से पालन किया जाने लगा था। तब भी जेल प्रशासन नए कैदियों को सामान्य कैदियों के साथ रखने से पहले 14 दिन हेतु आइसोलेशन करने के लिए तैयार किए गए एक बैरक में रखा जा रहा था। जेल सूत्रों का यह भी कहना है कि अभी भी यही विधि जेल में अपनाई जा रही है तथा नए कैदियों को आते ही आईसोलेशन बैरक में पहुँचाया जा रहा है। शायद यही कारण है कि लंबे समय से भैरवगढ़ जेल में कोरोना का कोई नया केस सामने नहीं आया है।
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